कांकेर/बस्तर मित्र।
शासकीय शहीद गेंदसिंह महाविद्यालय चारामा में अर्थशास्त्र विभाग द्वारा नौ फरवरी को केंद्रीय बजट 2022-23 पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। बजट परिचर्चा में अपना मत रखते हुए अर्थशास्त्र विभाग के सहायक प्राध्यापक रवीन्द्र सिंह चंद्रवंशी ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण भारत में बेरोजगारी, आर्थिक असमानता में वृद्धि हुई है और व्यक्तियों की आय, बचत में भारी गिरावट आई है, इस कारण से भारत में व्यक्तियों की कुल मांग कम हो गई है।
प्रोफेसर चंद्रवंशी के अनुसार, सरकार ने सकल शासकीय व्यय में सन 2020-21 की तुलना में 2022-23 के बजट में 0.9 प्रतिशत की कमी की है। प्रभावी पूंजीगत व्यय में प्रभावी राजस्व व्यय की तुलना में बढ़ोत्तरी किए जाने से मनरेगा, आर्थिक सहायता, फसल बीमा, प्रधानमंत्री किसान योजना और स्वास्थ्य सुविधाओं पर व्यय कम हो गया है। व्ययों में महत्वपूर्ण गिरावट होने के कारण कुल मांग में अपेक्षित वृद्धि नहीं हो पाएगी और करोना महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था में कुछ खास परिवर्तन देखने को नहीं मिलेगा।
बजट परिचर्चा में बीए भाग एक के छात्र नीलकमल कुंजाम और बीए भाग दो की छात्रा लोमेश्वरी साहू ने केंद्रीय बजट के प्रमुख प्रविधानों के बारे में बताया। कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय के प्राचार्य डा. केके मरकाम ने बजट के इतिहास के बारे में बताते हुए केंद्रीय बजट को मध्यम वर्ग के लिए निराशाजनक कहा। डा. मरकाम ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र में सरकार द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है, क्योंकि रिजर्व बैंक डिजिटल रुपया 2022-23 में लागू करेगा। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रोफेसर एम एल नेताम, प्रोफेसर डोमेश केमरो, प्रोफेसर अनूप यादव, धमेंद्र सिन्हा, सोमनाथ साहू, नरेश साहू सहित बीए.भाग एक, दो और तीन अर्थशास्त्र विषय के विद्यार्थी उपस्थित थे।