
गैंगस्टर अमन साहू अंडरवर्ल्ड सरगना लॉरेंस बिश्नोई को गुर्गों की सप्लाई करता था और बदले में लेता था तबाही के नए-नए हथियार. इनकी फोटो वह सोशल मीडिया पर डालकर रौब जमाता. हैरानी की बात तो यह है कि इस फेसबुक अकाउंट कथित रूप से कनाडा और मलेशिया से ऑपरेट होता था.
10 मार्च को डीजीपी का ये बयान आया. और झारखंड पुलिस उसी दिन NTPC DGM कुमार गौरव की हत्या के मामले में पूछताछ करने रायपुर पहुंच गई. अमन साहू छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के ही एक जेल में बंद था. गौरतलब है कि झारखंड और छत्तीसगढ़ पड़ोसी राज्य हैं.
फिर 11 मार्च को खबर आई कि झारखंड पुलिस के जवान से इंसास रायफल छीनकर भागने की कोशिश कर रहा अमन साहू पुलिस की जवाबी फायरिंग में मारा गया. पलामू के एसपी रेशमा रमेशन ने बताया कि झारखंड पुलिस की STF NTPC DGM के मर्डर के मामले में पूछताछ करने के लिए अमन साहू को छत्तीसगढ़ से झारखंड लेकर आ रही थी तभी झारखंड की सीमा में पलामू जिले में चैनपुर के नजदीक अपराधी अमन साहू STF के जवान से इंसास राइफल छीन कर और भागने लगा. इस दौरान अमन साहू ने जवान पर गोली चला दी. इस हमले में जवान घायल हो गया. घटना के तुरंत बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अमन साहू पर जवाबी फायरिंग की. इस घटना में अमन साहू की मौत हो गई.
.अंडरवर्ल्ड सरगना लॉरेंस बिश्नोई से नजदीकियां रखने वाले अमन साहू ने मात्र 17 साल की उम्र में ही अपराध की दुनिया में कदम रख दिया था. वह रांची के छोटे गांव मतबे का रहने वाला है. झारखंड में उसके खिलाफ 100 से अधिक मामले दर्ज हैं. अमन पहले एक हार्डकोर माओवादी था, और बताया जाता है कि उसने 2013 में अपना खुद का गैंग बनाया था. अमन पर कोयला व्यापारियों से रंगदारी, लेवी , वसूली, हत्या जैसे मामले दर्ज हैं.
करीब ढाई साल पहले छत्तीसगढ़ के कोरबा में अमन साहू के गैंग के सदस्यों ने बरबरीक ग्रुप पर फायरिंग की थी. उस समय रायपुर के शंकर नगर इलाके में एक कंपनी के पार्टनर के घर के बाहर गोली चलाकर इन लोगों ने सनसनी मचा दी थी. आरोप है कि अमन साहू ने अपने कुछ शूटर रायपुर भेजे थे, और उसकी हिट लिस्ट में शहर के कई व्यापारियों के नाम शामिल थे. इस घटना के बाद रायपुर पुलिस ने इस गैंग के 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया था.