बस्तर संभाग

मितानीन दिवस के अवसर पर मितानिनों ने रखी अपनी मांगे...

कांकेर/बस्तर मित्र

प्रदेश समेत अंचल में 23 नंवबर को मितानिन दिवस मनाया गया है। मितानिनों को उनके कार्य को लेकर सम्मानित किया गया। पूरे जिले में 3200 से अधिक मितानिनें हैं। जो निःस्वार्थ भाव से अपनी सेवा दे रही हैं। मितानिन दिवस के दिन मितानिन संघ के अध्यक्ष इंदु कावड़े से बात की उन्होंने बताया कि जहां विभाग के कार्यकर्ता नहीं पहुंच पाते वहां मितानिनें पारा मुहल्ले में चाहे बारिश हो, धूप हो, पहुंचकर प्राथमिक उपचार देती हैं और गंभीर स्थिति में स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाने में मदद करने में तत्पर रहते हैं। किन्तु उनके द्वारा किये गये कार्यो की प्रोत्साहन राशि अभी तक नहीं दिया गया है।

मितानिन दिवस के विशेष दिन पर इन मांगों को लेकर उठाई आवाजः- कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार के आदेश अनुसार पूरा कोविड इंसेंटिव 1000 रुपए दिया जाना था। परन्तु छत्तीसगढ़ के मितानिनों को जून 2020 तक ही कोविड प्रोत्साहन राशी दी गई थी। जुलाई 2020 से मार्च 2021 तक कोई राशि नहीं दी गई। मितानिनों को यह सभी राशि जल्द से जल्द दिया जाए। उसके बाद अप्रैल से सितम्बर 2021 तक कोविंड प्रोत्साहन राशि को कुछ जिलों में दिया गया। परन्तु अभी उसको कुछ जिलों में वापस मांगा जा रहा है और कुछ जिलों में उनके दूसरे प्रोत्साहन राशि से काटा जा रहा है। इसे तत्काल वापस किया जाए।

जन घोषणा पत्र में वादा किये गए अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि रु 5000 को हर मितानिनों को दिया जाए। प्रोत्साहन राशि देरी से दिया जाता है और जो हम दावा पपत्र में भरकर देते हैं। उसको ब्लाक जिला के अधिकारीयों द्वारा काट दिया जाता है। इस वजह से माह के अंत में हमको जितना प्रोत्साहन राशि मिलना चाहिए। उतना नहीं मिलकर उससे कम राशि मिलती है। हमें हसारे काम के हिसाब से जो प्रोत्साहन राशि होती है, वह दिया जाए। हम मितानिनों को अपने कार्यक्षेत्र से दूसरे जगह ना भेजा जाए।

हमें स्वयंसेवी माना जाता है। हमें प्रशासन द्वारा आदेशित नहीं किया गया है तो खास तौर पर सर्वे या फॉर्मेट भरने का काम बिलकुल नहीं थोपा जाए। यह स्वास्थ्य एवं अन्य विभागों, जिला प्रशासन एवं जनपद प्रशासन को स्पष्ट किया जाए। मितानिन एवं उनके परिवारों के सदस्यों के लिए भी सामाजिक सुरक्षा का ख्याल रखा जाए। जैसे कि पेंशन, प्रोविडेंट फण्ड, आपातकालीन स्थिति में मुआवजा, निःशुल्क इलाज आदि। सरकारी अस्पतालों में अन्य स्वास्थ्य सहकर्मियों का मितानिनों के साथ उचित व्यवहार सुनिश्चित किया जाए एवं मितानिनों की समस्याओं के लिए शिकायत निवारण तंत्र बनाया जाए, हम जब रात में मरीज को अस्पताल लेकर जाते हैं। हमारे लिए अस्पताल में रुकने की व्यवस्था की जाए। हम आशा करते हैं कि उपरोक्त मांगों को ध्यान में रखेंगे एवं क्रियान्वयन करेंगे।




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