रायपुर/बस्तर मित्र
तीसरी लहर में कोरोना के नए मामलों में उतार-चढ़ाव के बीच राजधानी से बड़ी खबर यह आई है कि कोविड संक्रमित गंभीर मरीजों के इलाज के लिए आयुर्वेदिक कॉलेज में 300 ऑक्सीजन बेड के साथ 5 जनवरी को शुरू किया गया कोविड अस्पताल 14 दिन बाद, बुधवार को बंद कर दिया गया। वजह ये है कि 5 जनवरी से अब तक इस अस्पताल में भर्ती होने के लिए एक भी मरीज नहीं पहुंचा। अस्पताल के संचालकों ने अब कोविड के गंभीर मरीजों के इंतजार के बजाय गुरुवार से सामान्य मरीजों की ओपीडी शुरू करने का फैसला कर लिया है, जो फिलहाल बंद थी।
रायपुर में पिछले 15 दिन में एक्टिव मरीजों की संख्या 1335 से बढ़कर 8 हजार के पार हो गई है। लेकिन बहुत कम मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की नौबत आ रही है। जिन मरीजों को अस्पतालों में भर्ती कराने की नौबत आ रही है, उनमें ऐसे ज्यादा हैं जो दूसरी गंभीर बीमारियों से पहले से पीड़ित रहे हैं। इनके अलावा ऐसे मरीजों की संख्या भी काफी अधिक है जो अपनी पुरानी बीमारी के इलाज के लिए सामान्य तौर पर अस्पताल में भर्ती हुए थे, लेकिन कुछ दिन बाद कोविड भी हो गया। पिछले साल दूसरी लहर के पीक के गुजरने के बाद से ही तीसरी लहर की तैयारियां शुरु कर दी गई थी। जिसमें आयुर्वेदिक कॉलेज के अस्पताल को बच्चों के कोविड अस्पताल के रूप में बनाया गया।
20 हजार से अधिक बेड खाली:-
28 जिलों में कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर 21583 से अधिक बेड की व्यवस्था की गई। इनमें 20555 से अधिक बिस्तर खाली हैं। यही नहीं, 31 हजार से अधिक एक्टिव मरीजों में से केवल एक हजार मरीज ही अस्पताल में एडमिट हैं। यानी कुल सक्रिय मरीजों का केवल 3.23 प्रतिशत मरीज ही हॉस्पिटल में रहकर इलाज करवा रहे हैं। अस्पताल में भर्ती मरीजों का केवल 17.63 प्रतिशत ही आईसीयू या वेंटिलेटर के सपोर्ट पर है।
केस बढ़े तो इलाज शुरू करेंगे:-
आज से आयुर्वेदिक कॉलेज के अस्पताल में सामान्य ओपीडी शुरु कर रहे हैं। वैसे अगर केस बढ़े और जरूरत पड़ी तो आयुर्वेदिक अस्पताल में कोविड इलाज तुरंत शुरु कर दिया जाएगा।