
थाना चारामा में क्षेत्रार्न्तगत घुम रहे विक्षिप्त व्यक्तियों को पुलिस अधीक्षक महोदय कांकेर शलभ सिन्हा के विशेष निर्देशन पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोरखनाथ बघेल एसडीओ श्रीमती चित्र वर्मा के मार्गदर्शन में थाना चारामा प्रभारी रवि शंकर साहू के नेतृत्व में पुलिस थाना चारामा द्वारा अभियान चलाकर थाना क्षेत्र में घूम रहे मानसिक विक्षिप्त जो कभी भी कहीं भी खुले में घूमते फिरते रहते हैं एवं कुछ भी खाकर जीवन यापन करने वाले विक्षिप्त व्यक्तियों को थाना चारामा पुलिस स्टाफ द्वारा थाना लाकर उनसे पूछताछ किया गया।
उनके द्वारा अपना नाम 1. अजय कुमार यादव पिता महेश यादव उम्र 30 वर्ष निवासी चारामा 2. सूरज दुबे उम्र लगभग 40 वर्ष निवासी बनारस 3. ओम सुशांतो उम्र 40 वर्ष निवासी उड़ीसा 4.अदिलेश उम्र लगभग 40 वर्ष पता अज्ञात बताए जिनको थाना चारामा में पुलिस द्वारा उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए उनके सुरक्षा व्यवस्था एवं स्वास्थ्य सुधार की ओर ध्यान देते हुए नहला धुलाकर साफ सुथरा कपड़ा पहना कर उनका बाल की कटिंग करवाकर अच्छे वेशभूषा में तैयार कर जिला अस्पताल कोमल देव कांकेर से उक्त विक्षिप्त व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया।
परीक्षण के बाद माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदय प्रथम श्रेणी न्यायालय कांकेर में उक्त विक्षिप्त व्यक्तियों को पेश कर उनकी दिमाग की हालत एवं उनके जीवन यापन पर होने वाले समस्या से अवगत कराते हुए उनको उचित इलाज हेतु मानसिक रोगी अस्पताल सेंदरी बिलासपुर में भर्ती कराने की अनुमति प्राप्त कर उनको थाना चारामा पुलिस द्वारा विक्षिप्त मानसिक रोगी अस्पताल सेंदरी बिलासपुर में दाखिला कराया गया है।
थाना चारामा में पुलिस द्वारा उक्त विक्षिप्त व्यक्तियों को मानसिक रोगी अस्पताल सेंदरी बिलासपुर में दाखिला नहीं कराया जाता तो इनके साथ कभी भी कोई भी दुर्घटना घटित हो सकता था। उक्त विक्षिप्त व्यक्तियों के हितों को ध्यान में रखते हुए चारामा पुलिस द्वारा अपने कर्तव्यों के प्रति सजग होकर जनसेवा का परिचय देते हुए बेघर, बेसहारा घूम रहे विक्षिप्त व्यक्तियों को सहारा एवं उचित इलाज कराने पहल किया गया है। संपूर्ण कार्यवाही में उपनिरीक्षक थाना प्रभारी रविशंकर साहू, उपनिरीक्षक रूपेंद्र पटेल, सउनि विजय कुलदीप, प्रधान आरक्षक 421 अजेन नरेटी, आरक्षक 259 विष्णु मंडावी, आरक्षक 927 उमेंद्र निषाद, आरक्षक 469 सतीश उईके, 891 राजेंद्र रावटे, थाना चारामा पुलिस स्टाफ का उल्लेखनीय योगदान रहा।