कांकेर/बस्तर मित्र
मुख्यमंत्री सुपोषण योजनांतर्गत कुपोषित बच्चों एवं गर्भवती व शिशुवती माताओं को सुपोषण दूतों द्वारा घर-घर जाकर कोदो की खिचड़ी और रागी का हलवा खिलाया जा रहा है। जिले के 2140 आंगनबाड़ी केन्द्रों में कुपोषित बच्चों, गर्भवती एवं शिशुवती माताओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के उद्देश्य से महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पूरक पोषण आहार कार्यक्रम, मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण मिशन योजना, महतारी जतन योजना, प्रधानमंत्री मातृवंदना इत्यादि योजना संचालित किया जा रहा है। जिले में पूरक पोषण आहार अंतर्गत 3572 बच्चों एवं 12,520 शिशुवती व गर्भवती माताओं को लाभान्वित किया गया है।
कांकेर जिले के विभिन्न विकासखंड अंतर्गत 06 पोषण पुनर्वास केन्द्र के माध्यम से 1135 कुपोषित बच्चों को उपचार कर लाभान्वित किया गया है। मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजनांतर्गत दिसम्बर 2021 तक 4,521 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण व दवाईयां वितरण कर लाभान्वित किया गया है। प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना के तहत् 16012 हितग्राहियों का पंजीयन किया गया, जिनमें से 13151 हितग्राहियों को प्रथम किश्त की राशि, 12242 हितग्राहियों को द्वितीय किश्त की राशि तथा 8855 हितग्राहियों को तृतीय किश्त की राशि से लाभान्वित किया गया है।
वजन त्यौहार 2021 के आकड़ों के अनुसार गया है। प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना के तहत् 16012 हितग्राहियों का पंजीयन किया गया, जिनमें से 13151 हितग्राहियों को प्रथम किश्त की राशि, 12242 हितग्राहियों को द्वितीय किश्त की राशि तथा 8855 हितग्राहियों को तृतीय किश्त की राशि से लाभान्वित किया गया है। वजन त्यौहार 2021 के आकड़ों के अनुसार जिले में 9908 बच्चे मध्यम कुपोषित व 2923 बच्चे गंभीर कुपोषित थे। उस समय कुपोषण का प्रतिशत 27.09 था। नवम्बर 2021 के आंकड़ों के अनुसार 7110 बच्चे मध्यम कुपोषित व 1134 बच्चे गंभीर कुपोषित हैं, जिनका योजना के तहत समुचित उपचार किया जा रहा है। जिससे जिले का कुपोषण दर में 2.09 प्रतिशत की कमी आयी है।