कांकेर/बस्तर मित्र
नारायणपुर जिले में बीती रात BSF कैंप के पास मुठभेड़ में नक्सली को मार गिराने का दावा पुलिस कर रही है, लेकिन उक्त युवक के परिजन अब मुठभेड़ को फर्जी बता रहे हैं। पुलिस ने मीडिया के सामने भरमार बंदूक के साथ शव को शो करते हुए अज्ञात नक्सली बताया है। इस घटना के बाद मृतक के परिजन जिला मुख्यालय पहुंचे हैं। मृतक का भाई डीआरजी का जवान है। परिजनों का दावा है कि मृतक खुद भी बस्तर फाइटर बटालियन में भर्ती होने की तैयारी कर रहा था। मृतक के परिजनों के आरोप के बाद पुलिस के दावों पर सवाल उठ रहे हैं। इधर पुलिस ने परिजनों के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
सोमवार की सुबह नारायणपुर एसपी गिरिजा शंकर जायसवाल ने बताया था कि मुठभेड़ रात करीब 1.30 बजे हुई। जब मुठभेड़ शुरू हुई तो जिला रिजर्व गार्ड (DRG) की एक टीम तलाशी अभियान पर निकली थी। पुलिस के दावे के मुताबिक पुलिस, DRG और BSF के जवान सर्चिंग पर निकले थे तभी भरंडा थाने से करीब 6 किमी दूर स्थित BSF कैंप के पास नक्सलियों से मुठभेड़ हो गई। पहले से घात लगाए नक्सलियों ने फायरिंग कर दी, जिसके बाद जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया। लगभग 20 मिनट चली मुठभेड़ के बाद नक्सली भाग गए। इसके बाद सर्चिंग के दौरान जवानों ने एक नक्सली का शव बरामद किया है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीरज चंद्राकर ने कहा कि मुठभेड़ के फर्जी होने का आरोप पूरी तरह निराधार हैं। सोमवार की सुबह हमने मनु राम नुरेटी का शव बरामद किया है।
अधिकारियों से बात करूंगा भाई को नक्सली क्यों बना रहे :-
मारे गए माओवादी के भाई रेणु राम नुरेटी डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) का जवान है। उन्होंने नारायणपुर में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए आरोप लगाया कि उनका भाई मनु राम नुरेटी नक्सली नहीं था। रेणु ने कहा कि "मेरा भाई माओवादी नहीं था। उसने हाल ही में पुलिस बल में भर्ती के लिए भी आवेदन किया था। मैं अपने वरिष्ठ अधिकारियों से बात करूंगा कि वे मेरे भाई को माओवादी क्यों बना रहे हैं। मृतक की पत्नी ने आरोप लगाया कि पुलिस की कहानी पूरी तरह झूठी है। उन्होंने कहा कि रात करीब 10 बजे, मेरे पति पक्षियों के शिकार के लिए एक गुलेल के साथ बाहर गए थे। उन्होंने मेरा स्वेटर और चप्पल भी पहना हुआ था, लेकिन पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ में उन्हें मारा है।