कांकेर/बस्तर मित्र
शासकीय शहीद गेंदसिंह महाविद्यालय चारामा में आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ द्वारा राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर 25 जनवरी को समावेशी, सुगम एवं सहभागी निर्वाचन की ओर अग्रसर थीम पर आनलाइन व्याख्यान का आयोजन किया गया। आनलाइन व्याख्यान के मुख्य वक्ता महाविद्यालय के प्राचार्य डा. केके मरकाम, प्रोफेसर रवीन्द्र सिंह चंद्रवंशी एवं प्रोफेसर अनूप कुमार यादव थे।
आनलाइन व्याख्यान में महाविद्यालय के प्राचार्य डा. केके मरकाम ने कहा कि मतदान प्रक्रिया प्रजातंत्र की आधारशीला है, इस वास्ते सभी नागरिकों को विशेष कर युवा लोगों को मतदान प्रक्रिया से परिचित होने की आवश्यकता है। डा. मरकाम ने मतदान प्रक्रिया से संबंधित उन आधारभूत बातों से अवगत कराया जिनको सभी विद्यार्थियों को जानना आवश्यक है, जैसे आदर्श आचार. संहिता, मतदाता सूची, मतदाता की आयु, ईवीएम, वीवीपीएटी, निर्वाचन क्षेत्र, नोटा, बीएलओ। राजनीति विज्ञान विभाग के सहायक प्राध्यापक अनूप कुमार यादव ने आनलाइन व्याख्यान में अपनी बातों को रखते हुए कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक राष्ट्र है, ऐसे में निष्पक्ष, स्वतंत्र, पारदर्शी चुनाव कराना चुनाव आयोग का महत्वपूर्ण दायित्व है।
भारतीय संविधान के भाग 15वें अध्याय में अनुच्छेद 324 से 329 तक चुनाव आयोग का स्पष्ट उल्लेख है। पूर्व में मतदान की आयु सीमा 21 वर्ष थी जिसे 61वें संविधान संशोधन 1989 के द्वारा आयु सीमा 18 वर्ष की गई, क्योंकि बहुत से युवा वर्ग को अपना मतदान देने का अधिकार प्राप्त नहीं हो रहा था।
कार्यक्रम के अंत में आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के संयोजक रवीन्द्र सिंह चंद्रवंशी ने लोकतंत्र और आर्थिक विकास के आपसी संबंधों को बताते हुए कहा कि सशक्त लोकतंत्र से तीव्र आर्थिक विकास की गति को प्राप्त किया जा सकता है। अर्थव्यवस्था के संपूर्ण विकास हेतु मतदान प्रक्रिया में समाज के निचले तबके से लेकर उपरी तबके तक के व्यक्तियों की भागीदारी आवश्यक है। आनलाइन व्याख्यान का माडरेशन प्रोफेसर रवीन्द्र सिंह चंद्रवंशी ने किया। इस व्याख्यान में महाविद्यालय के प्रोफेसर कुलेश्वर प्रसाद, प्रोफेसर डोमेश केमरो ,प्रोफेसर हेमप्रसाद पटेल, सुधीर साहू, धमेंद्र सिन्हा सहित विद्यार्थीगण सम्मिलित हुए।