रायपुर/बस्तर मित्र
राजनांदगांव के सांसद संतोष पांडेय और पूर्व सांसद अभिषेक सिंह को फरार घोषित करने के विरोध में गुरुवार को पांच सांसद राजभवन पहुंचे। सांसदों ने राज्यपाल अनुसुइया उइके से राज्य सरकार और पुलिस की शिकायत कर केस खत्म करने की मांग की है। साथ ही, दोषी अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
भाजपा सांसद सुनील सोनी, विजय बघेल, गोमती साय, चुन्नी साहू और गुहाराम अजगले ने राज्यपाल को बताया कि कवर्धा के डीएसपी ने सांसद व पूर्व सांसद को फरार बताकर तहसीलदार से उनकी संपत्ति की जानकारी मांगी है। सांसद, पूर्व सांसद व अन्य जनप्रतिनिधि लगातार दौरे पर रहते हैं, फिर भी फरार घोषित करने का षड्यंत्र किया गया है, जबकि उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया। गायब होने का पंचनामा भी नहीं कराया गया है, फिर भी कोर्ट में झूठा शपथ दिया है। सांसदों ने आरोप लगाया है कि सीएम भूपेश बघेल व मंत्री मोहम्मद अकबर के इशारे पर पुलिस साजिश कर रही है।
एक ओर भगवा ध्वज का अपमान करने व दंगे के आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भाजपा नेताओं पर अपराध दर्ज किया गया है। सांसद पांडेय, पूर्व सांसद अभिषेक के अलावा पूर्व संसदीय सचिव मोतीराम चंद्रवंशी, पूर्व विधायक अशोक साहू, युवा मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष विजय शर्मा, भाजपा अध्यक्ष अनिल सिंह आदि पर जुर्म दर्ज की गई है। बड़ी संख्या में अन्य लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें से कोई फरार नहीं हैं, लेकिन संपत्ति की जांच के लिए तहसीलदार, आरआई, पटवारी घर तक पहुंच रहे हैं। भाजपा सांसदों ने कहा कि कांग्रेस की सरकार जान-बूझकर सांसद को अपमानित व उनकी गरिमा को धूमिल करने के लिए यह कोशिश कर रही है।
राजभवन के बजाय कोर्ट जाएं :-
सीएम भूपेश बघेल ने भाजपा सांसदों को नसीहत दी कि वे राजभवन जाने के बजाय कोर्ट जाएं। इधर, कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कवर्धा मामले में भाजपा सांसदों के प्रतिनिधिमंडल का राजभवन जाना, कोर्ट की महत्ता को घटाने की कोशिश करना है। उन्होंने कहा कि भाजपा सांसद अपने पद का गलत फायदा उठाना चाह रहे हैं। उनके खिलाफ कानून तोड़ने का आरोप है। पुलिस ने उन्हें फरार घोषित किया है, इसलिए उन्हें राजभवन नहीं बल्कि कोर्ट जाना चाहिए। यह कानूनी और संवैधानिक व्यवस्थाओं में टकराहट पैदा करना है। सांसद पांडेय और पूर्व सांसद अभिषेक सिंह पर अशांति और वैमनस्यता फैलाने के आरोप हैं। पुलिस ने सांसद और पूर्व सांसद दोनों के घर नोटिस भेजा। नोटिस नहीं लिए, तब फरार घोषित किया गया है। भगोड़ा घोषित होने के बाद यदि कानून का जरा भी सम्मान है तो भाजपा नेताओं को कोर्ट में जाकर सरेंडर करना चाहिए।