छत्तीसगढ़

लघु धान्य फसलों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के दायरे में लाने से किसानों का रागी, कोदो, कुटकी की खेती में बढ़ा रूझान. . .

राजनांदगांव/बस्तर मित्र

शासन द्वारा लघु धान्य फसलों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के दायरे में लाने से किसानों में इस ओर रूझान बढ़ा है। रागी, कोदो, कुटकी पौष्टिक, स्वास्थ्यवर्धक एवं औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण मार्केट में इनकी मांग बढ़ी है। मानपुर विकासखंड के ग्राम मासुल के श्री टंडेल सिंह लघु धान्य फसल रागी, कोदो, कुटकी की वैज्ञानिक खेती कर रहे हैं और उन्होंने उन्नति की राह में कदम बढ़ाएं हैं। श्री टंडेल सिंह को आत्मा योजना के तहत निरूशुल्क बीज एवं आदान सामग्री प्रदाय एवं तकनीकी प्रशिक्षण मिला। मेहनतकश किसानों के लिए फसल विविधीकरण के लिए कई तरह के विकल्प हैं। लघु धान्य फसलों के माध्यम से पारम्परिक धान की तुलना में अधिक लाभ है। कृषि विभाग के आत्मा योजनांतर्गत कोदो बीज उत्पादक समूह के सदस्यों को निरूशुल्क उन्नत किस्म के बीज प्रदाय इंदिरा कोदो-1 एवं मेड़ों में अरहर बीज उपचार हेतु राइजोबियम कल्चर एवं एनपीके कल्चर, भूमि उपचार हेतु ट्रायकोडर्मा, फसल सुरक्षा के लिए नीम तेल निरूशुल्क प्रदाय किया गया है। साथ ही किसानों को बीज उत्पादन का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया।

कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के मार्गदर्शन में जिले में लघु धान्य फसलों को बढ़ावा देने की दिशा में कृषि विभाग द्वारा प्रभावी कार्य किए जा रहे है। वनांचल क्षेत्र के आदिवासी किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से एक्सटेंशन रिफार्म्स आत्मा योजनांतर्गत कोदो उत्पादक समूह का गठन किया गया तथा फसल प्रदर्शन कार्यक्रम लेकर कतार बोनी के माध्यम से बीज उत्पादन कार्यक्रम से भी जोड़ कर लाभान्वित किया। कोदो बीज को 5200 रूपए प्रति क्ंिवटल की दर से बीज निगम राजनांदगांव ने विक्रय किया जिससे उन्हें अतिरिक्त आमदनी प्राप्त हुई। कृषि विस्तार अधिकारियों एवं आत्मा ब्लाक तकनीकी मैनेजर द्वारा समय-समय पर उचित मार्गदर्शन एवं बीज उत्पादन के विक्रय के लिए उत्साहवर्धन किया गया। कृषक श्री टंडेल सिंह की सफलता का असर यह रहा कि समूह के सदस्यों के कोदो बीज उत्पादन कार्यक्रम के लाभ को देखते हुए गांव के अन्य किसान भी कोदो, रागी जैसे महत्वपूर्ण लघु धान्य फसल ले रहे हैं। ग्राम मासुल में 60 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में कोदो उत्पादन किया जा रहा है और गांव से लगे समीपस्थ ग्राम गोटुलुमुंडा के किसान भी कोदो फसल के 25 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में कोदो फसल ले रहे हैं। पूर्व में किसान स्थानीय बाजार एवं व्यापारियों को 15-20 रूपए प्रति किलोग्राम की दर से बेचते थे। अब किसान बीज उत्पादन कार्यक्रम से जुड़कर 5200 रूपए प्रति क्ंिवटल की दर से विक्रय कर रहे हैं। किसान टंडेल सिंह कोदो बीज उत्पादक समूह ग्राम मासुल के अध्यक्ष हैं एवं समूह के 9 अन्य सदस्य प्राप्त आमदनी का उपयोग बच्चों की शिक्षा, कृषि यंत्र एवं कृषि कार्य को सुचारू बनाने हेतु कर रहे हैं। कोदो बीज का विक्रय 5200 रूपए प्रति क्ंिवटल कर पूर्व की तुलना में काफी अच्छा लाभ प्राप्त कर रहे हैं, जिससे समूह के सदस्य उत्साहित हैं। बीज उत्पादन कार्यक्रम से प्राप्त आय का उपयोग किसान अपने आर्थिक जरूरत को पूरा करने एवं फसल क्षेत्र विस्तार हेतु उपयोग कर रहे हैं। समूह के सदस्य इस वर्ष भी 25 एकड़ में कोदो बीज उत्पादन कार्यक्रम से जुड़े हैं। कोदो बीज उत्पादक समूह के सदस्य अब रागी बीज उत्पादन कर एवं लघु धान्य फसल प्रसंस्करण इकाई की स्थापना कर कोदो रागी चावल तैयार करके आने वाले समय में विक्रय कर आर्थिक लाभ प्राप्त करना चाहते हैं।




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Kiran Komra

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