बेमेतरा.
राष्ट्रीय दृष्टिहीनता एवं अल्प दृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत कलेक्टर विलास भोसकर संदीपान एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. सतीश शर्मा के निर्देशानुसार प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी 25 अगस्त से 08 सितंबर 2021 तक 36 वां राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा पूरे बेमेतरा जिले में किया जाना है। नोडल अधिकारी डाॅ. समता रंगारी ने नेत्रदान के संबंध में बताया कि हमारी आंखे हमारे मरने के बाद भी किसी के काम आ सकती है। मनुष्य की मृत्यु के बाद उसके शरीर के एक ही अंग काम आ सकता है, वो है नेत्र। नेत्रदान मृत्यु के बाद ही किया जाता है। नेत्रदान के लिए यह जरूरी नहीं है कि वह अपने जीते जी घोषणा पत्र भरा हो। नेत्रदान कोई भी व्यक्ति कर सकता है, किन्तु रेबीज, एड्स, टिटेनेस, हेपेटाइटिस, सर्पदंश, लेप्रोसी, जहर, सिफलिस, डूबकर या जलकर, आॅख का कैंसर, फाॅसी लगााकर, ब्लड कैंसर, सेप्टीसीमिया, तपेदिक एवं संक्रामक बीमारी व्यक्ति नेत्रदान के लिए उपयुक्त नही रहती।
यदि किसी की आंख के काॅर्निया की सफेदी काॅर्नियल ओपेसिटी के कारण दृष्टिहीनता है तो उसकी काॅनिया बदलने से वह व्यक्ति अंधेपन से छुटकारा पा सकता है और नेत्रदान करने वाला व्यक्ति मरने के बाद भी इस व्यक्ति की आंख से दुनिया देख सकता है। आँख के काॅनिया में सफेदी आंखो के संक्रमण, चोट लगने, विटामिन ए की कमी, कुपोषण, काॅनियल डिस्ट्राॅफी और कुछ जन्मजात कारणो से होती है। इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति की आंख में घाव हो जाए व उसकी पुतली कमजोर हो जाए तो उसकी आंखो की संरचना खराब होने से बचाने के लिए भी पुतली बदलने का ऑपरेशन किया जाना है जो कि एक आपातकालीन स्थिति है। कोरोना महामारी के समय केवल आपातकालीन ऑपरेशन किये जा रहे है। नेत्रदान संबंधी प्रक्रिया कोविड-19 से बचाव शासन के समस्त दिशा-निर्देर्शो का पालन करके किया जाना है। नेत्रदान के लिए मृत व्यक्ति के वारिस से लिखित सहमति लेने के बाद ही प्रशिक्षित अधिकारी के द्वारा मृत्यु के 06 घंटे के भीतर नेत्र गोलक को निकाला जाता है। मृत्यु के बाद मृतक की आंखे बंद कर देनी चाहिए, पंखा भी बंद देना चाहिए। गर्मी का समय हो तो पलकों के ऊपर गीला कपड़ा या रूई रख दें। यदि बर्फ हो तो कपड़े/रूई के ऊपर रख दें। आंखे किसे दिया जाता है ये गुप्त रखा जाता है। एक व्यक्ति के नेत्रदान से 2 दृष्टिहीन पुनः दुनिया देख सकते है। नेत्रदान के लिए सहायक नोडल अधिकारी श्री विजय देंवागन 9926776556 से संपर्क किया जा सकता है। नेत्रदान के संबंध में बैठक में सिविल सर्जन डा. वंदना भेले, नोडल अधिकारी डाॅ. समता रंगारी (अंधत्व), जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्रीमती अनुपमा तिवारी, जिला मितानिन समन्वयक श्रीमती अलका दुबे, सपना चैबे तिवारी, शोभिका गजपाल, हिना सिन्हा, कलयानी पाठक, दादन सिंह, रामगोपाल वर्मा, करण मल्होत्रा, लता पाटले, सरोज बाला वर्मा, बलदाऊ सिंह राजपूत, लोकेन्द्र कुमार साहू, चन्द्रकिशोर वासनिक, नंदकुमार ठाकुर, त्रिवेणी वैष्णव, सत्यभामा परगनिया उपस्थित थे। आइये नेत्रदान कर, किसी की अंधेरी दुनिया में रोशनी भरें।