
कांकेर नगर पालिका के सामने प्राचीन काल तलाब बैजनाथ अपना अस्तित्व खोने जा रही है शासन प्रशासन द्वारा तालाब का सौंदर्यीकरण गोदावरी हीरा ग्रुप द्वारा लिया गया था कंपनी द्वारा गहरीकरण करने के बाद से आज तक आधा अधूरा पड़ा है वार्ड के पार्षद द्वारा कांकेर कलेक्टर को तालाब के बारे में लगातार जानकारी देते रहे पर कांकेर कलेक्टर के द्वारा आज तक तालाब के बारे में किसी प्रकार सहयोग नहीं मिलने के कारण आज तलाब अपना अस्तित्व खोने के कगार में है जिससे तालाब के किनारे कब्जा धारियों द्वारा कब्जा किया जा रहा है शासन प्रशासन से पार्षद अपील कर रहे तलाब का सौंदर्यीकरण फिर से चालू किया जाए।
तालाबों केअस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है। क्योंकि बढ़ती आबादी के चलते शहर के कई तालाब के स्थान पर बड़ी-बड़ी इमारतें नजर आ रही हैं। जो थोड़े बहुत तालाब बचे हुए हैं, उनका अस्तित्व भी जलकुंभी, कचरा की वजह से खतरे में नजर आ रहा है। वहीं इन तालाबों के संरक्षण व रख-रखाव की तरफ स्थानीय प्रशासन किसी भी प्रकार से ध्यान नहीं दे रहा है। जबकि रियासत काल से ही कांकेर तालाबों का शहर रहा है।