कोण्डागांव
जिला न्यायाधीश अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोण्डागांव के मार्गदर्शन में विधिक सहायता शिविर आयोजित किया गया। उक्त शिविर आयोजित करने की मुख्य भूमिका जिला कोण्डागांव में एन.जी.ओ. द्वारा संचालित बालिका गृह में निवासरत बालिकाओं को न्यायिक परिवार की ओर से सहयोग राशि के रूप में कुछ रूपये दान कर बालिकाओं को जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की है तथा खेल कूद में रूचि लेने वाली बलिकाओं को प्रोत्साहिंत करने के लिए आयोजित किया गया है।
इस कार्यक्रम में ज्ञात हो की जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरेश कुमार सोनी जी एवं अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कृष्णपाल सिंह भदौरिया जी एवं शान्तनु देशलहरे जी एवं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अनिल प्रभात मिंज एवं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नारायणपुर अनिल कुमार बारा जी एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट पुनितराम गुरूपंच एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट आरती ठाकुर ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा वर्ष 2020.21 में आयोजित नेशनल लोक अदालत एवं स्थायी निरंतर लोक अदालत में निराकृत किये जाने वाले प्रकरणों से संबंधित खण्डपीठ में पीठासीन होकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोण्डागांव के द्वारा उक्त एक दिवसीय कार्य पर आबंटित मानदेय को बालिका गृह कोण्डागांव के बालिकाओं के उनके परिवार के द्वारा त्यागने के परिणाम स्वरूप तथा जघन्य अपराधों से ग्रसित बालिकाओं एवं खेल कूद व शिक्षा में अग्रेसित बालिकाओं की मानसिक, शारीरिक, आर्थिक आवश्यकताओं को देखते हुये ऊपर उल्लेखित सम्मानीय न्यायाधीशगण के परिवार की ओर से मानदेय की कुल राशि 71939 रूपयें को सहयोग राशि के रूप में देने का निर्णय किया है।
इसी प्रकार अधिवक्तागण आलोक कुमार दुबे, लखन पटेल, महेन्द्र कौशल, गोपाल दीक्षित, तिलक पाण्डे, नरेश नाईक, प्रभा मिश्रा, शिवराम मरकाम, महेश बद्येल, दिनेश कुमार ध्रुव, जितेन्द्र कुमार शुक्ला के द्वारा वर्ष 2020.21 में आयोजित नेशनल लोक अदालत एवं स्थायी निरंतर लोक अदालत में निराकृत किये जाने वाले प्रकरणों से संबंधित खण्डपीठ में सदस्य के रूप में उपस्थित होकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोण्डागांव के द्वारा उक्त एक दिवसीय कार्य पर आबंटित मानदेय को बालिका गृह कोण्डागांव के बालिकाओं के उनके परिवार के द्वारा त्यागने के परिणाम स्वरूप तथा जघन्य अपराधों से ग्रसित बालिकाओं एवं खेल कूद व शिक्षा में अग्रेसित बालिकाओं की मानसिक, शारीरिक, आर्थिक आवश्यकताओं को देखते हुये उपर उल्लेखित सम्मानीय अधिवक्ताओं के परिवार के ओर से मानदेय की कुल राशि 12600 रूपये को सहयोग राशि के रूप में देने का निर्णय किया है।
इसी प्रकार उक्त कार्यक्रम मे माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरेश कुमार सोनी के परिवार से सरिता सोनी एवं अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शान्तनु देशलहरे की परिवार से नागमनी देशलहरे एवं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अनिल प्रभात मिंज के परिवार से विनय पुष्पा मिंज उपस्थित रही। इसी प्रकार अधिवक्तागण नरेश नाईक के परिवार से यशोदा नाईक एवं लखनलाल पटेल के परिवार से उनकी पुत्री मोनिका पटेल तथा प्रभा मिश्रा अधिवक्ता एवं गोपाल दीक्षित के परिवार से अर्चना दीक्षित एवं आलोक दुबे के परिवार से अमिता दुबे उपस्थित रहीं। इसी प्रकार उक्त कार्यकम मे बालिका गृह कोण्डागांव की 31 बालिकाओं के साथ उनकी अधीक्षिका मणी शर्मा, योग शिक्षक मोनिका पटेल, पैरामेडिकल स्टाफ उषारानी सेठिया, हाउस मदर बसंती पटेल मौजूद रही। उक्त कार्यकम में सचिव, अम्बा शाह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोण्डागांव द्वारा बालिका गृह में निवासरत उपरोक्त बालिकाओं को उनके परिवार के द्वारा त्यागने के परिणाम स्वरूप तथा जघन्य अपराधों से ग्रसित बालिकाओं एवं खेल कूद व शिक्षा में अग्रेसित बालिकाओं की मानसिक, शारीरिक, आर्थिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कार्यकम में बालिकाओं को उपस्थित कर विधिक जानकारी दी गई। इसके अलावा मुख्य अतिथि सरिता सोनी के द्वारा बालिकाओं के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुये बालिकाओं को स्नेह एवं आशीर्वाद दिया गया तथा मुख्य अतिथि नागमनी देशलहरे जी के द्वारा बालिकाओं को प्रोत्साहित करते हुये खेल कूद, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं व्यवहारिक जीवन के बारे में बताया गया ।
विनय पुष्पा मिंज के द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोण्डागांव द्वारा किये गये इस पहल को सरहाना देते हुये बालिकाओं के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुये अपना विचार व्यक्त किया गया। इसके अलावा अधिवक्ता प्रभा मिश्रा ने बालिकाओं को समानता दिवस की शुभ कामना देते हुये उनके महत्वकांक्षाओं, स्त्रियों के प्रति जागरूकता इत्यादि के बारे में जानकारी दी गई। इसके अलावा मुख्य अतिथि सरिता सोनी, मुख्य अतिथि नागमनी देशलहरे, विनय पुष्पा मिंज, अधिवक्ता प्रभा मिश्रा, यशोदा नाईक, मोनिका पटेल, अर्चना दीक्षित एवं अमिता दुबे के द्वारा उपस्थित बालिकाओं को सहयोग की राशि का बंद लिफाफा आबंटित किया गया। चूंकि सर्ववेदित हो की इस कार्यकम का उददेश्य बालिकाओं जिनमें खेल कुद में रूची लेने वाली तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की बालिकाओं की आवश्यकताओं को देखते हुए उनके उज्जवल भविष्य के लिए सहयोग की राशि प्रदान करना था। जो यह दर्शाता है कि इंसानियत आज भी बाकी है, जिसके चलते यह दुनिया चल रहीं है तथा इस कार्यक्रम की पहल समाजसेवी कार्य करने के लिए लोगों को प्रेरित करती है जिससे यह प्रतीत होता है कि न्यायिक परिवार के अन्तर्गत बालिका गृह में निवासरत बालिकाओं के शारीरिक, मानसिक, आर्थिक समस्याओं एवं दैनिक आवश्यकताओं के अनुरूप जीवन जीने के आधार को तथा अपराधों से पीड़ित बालिकाओं के संवेदनाओं को नजदीक से महसूस कर यह कार्यकम आयोजित किया गया। इसके पश्चात् कार्यक्रम के अन्त में बालिकाओं के उज्जवल भविष्य की कामना कर समापन किया गया।