बस्तर मित्र/कांकेर।
शाखकर्तन के कार्य में फड़ मुंशियों की अहम भूमिका होती है, फड़मुंशी जितना मेहनत करेंगे उतना उच्च क्वालिटी का तेन्दूपत्ता संग्राहकों को प्राप्त होगी । उक्त उदगार राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य नितिन पोटाई ने जिला वनोपज सहकारी संघ द्वारा आयोजित शाखकर्तन कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि आज वनो को बचाने की आवश्यकता है, मनुष्य अपने स्वार्थ के लिये वनो का तेजी से विनाश कर रहा है। जिससे पर्यावरण असंतुलन की स्थिति निर्मित हो रही है, जंगली जानवर शहर की ओर भोजन की तलाश में आ रहे है जिस पर चिंतन करने की आवश्यकता है।
अजजा आयोग के सदस्य नितिन पोटाई ने आगे कहा कि वर्तमान भूपेश सरकार आदिवासियों एवं वनोपज संग्राहकों के लिये बेहतर कार्य कर रही है । देश के इतिहास में पहली बार लघु वनोपज सग्रांहकों को 4,000 रूपये मानक बोरी की दर से तेन्दूपत्ता की खरीदी की जा रही है । मुख्यमंत्री वृक्षारोपण योजना के माध्यम से किसानों के खेतों में वृक्षारोपण कर किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध करने का कार्य किया जा रहा है साथ ही कोदो, कुटकी एवं रागी की खरीदी कर आदिवासियों को सशक्त बनाने का कार्य किया जा रहा है। श्री पोटाई ने उपस्थित प्रबंधकों एवं नोडल अधिकारियों को कहा कि महेन्द्र कर्मा तेन्दूपता बीमा योजना का लाभ संग्राहकों को दिलवाये एवं संग्राहक परिवारों के बीच बोनस एवं छात्रवृतियों का लाभ दिलवाये।
इस अवसर पर मुख्य वन संरक्षक राजू अगासमनि ने भी संबोधित करते हुए समय सीमा में शाखकर्तन का कार्य किया जाना चाहिए ताकि अच्छी किस्म के तेन्दूपत्ता संग्राहकों को मिल सकें। कार्यक्रम में प्रबंध संचालक एंव वनमंडलाधिकारी कांकेर अरविन्द पी.एम., उपप्रबंध संचालक रामसिंग मण्डावी, जिला कांग्रेस कमेटी के सचिव इसहाक मुन्ना खान, प्राथमिक वनोपज समिति पटौद अध्यक्ष लखनलाल सलाम, फत्तेसिंह तेता, जिला प्रतिनिधि दिनेश साहू, नारद साहू, सहित वन रेंजर संदीप सिंह झा, प्रबंधक, फारेस्ट अधिकारी, संजीवनी मार्ट के अधिकारी, अन्य फड़मुंशी आदि उपस्थित थे।