बस्तर मित्र/कांकेर।
शाखकर्तन के कार्य में सामूहिक सहकारिता की आवश्यकता है तभी बूटा कटाई का कार्य बेहतर तरीके से हो सकेगा उक्त उदगार राज्य अ.ज.जा. आयोग के सदस्य एवं जिला वनोपज संघ के कार्यकारी अध्यक्ष नितिन पोटाई के है वे परिक्षेत्र स्तरीय शाखकर्तन कार्यशाला में सभा को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने आगे कहा कि मैं तेन्दूपत्ता संग्रहक परिवारोें का उत्साह वर्धन करने आया हूं। शाखकर्तन के कार्य में फड़ मुंशियों की अहम भूमिका होती है। जिस तरह बिना पानी के नदी का कोई औचित्य नहीं है, बिना ईधन के वाहन का कोई महत्व नहीं उसी तरह बिना फड़ मुंशी के हम तेन्दूपत्ता संग्रहण की बात ही नहीं कर सकते है दोनों एक दूसरे के ओली दामन का साथ है ।
तेन्दूपत्ता जिसे हरा सोना कहा जाता है छत्तीसगढ़ वासियों के लिए प्रकृति के अनुपम उदाहरण है। आज सरकार इसे 4000 मानक बोरा की दर से इसकी खरीदी कर रही है । मुख्य रूप से प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बधाई के पात्र है ।
इसी तरह छ.ग. देश का पहला राज्य है जहां 63 प्रकार के वनोपजों का न्यूनतम समर्थन मूल्य में खरीदी करने वाला प्रथम राज्य है। तेंदूपत्ता व 63 अन्य प्रकार के लघु वनोपज शासन द्वारा खरीदी किया जाता है। इससे आप सरकारी व्यापारी हो। संग्राहकों की चिंता भी सरकार को है इसलिए प्रतिभावन बच्चों को छात्रवृति, हितग्राहियों को बीमा लाभ, दिया जा रहा है। धान की खेती से कोई भी धनवान नहीं हुआ है इसके साथ-साथ लघुवनोपज पर अधिक ध्यान देने की बात कही।
इस कार्यक्रम में जिला पंचायत सदस्य नवली मीना मंडावी, सहकारी समिति पूरी अध्यक्ष अशोक पोया, एसडीओ आर.एस. मंडावी, रेंजर एस. आर. सिंह साहब, सहकारी समिति चारामा उपाध्यक्ष रूपराम साहू, सहकारी समिति चारामा सदस्य मदन मोहन, सहकारी समिति पूरी सदस्य प्रभू राम पोया, भागो बाई गावड़े, देवकी पोया, लोकेश्वर जैन आदि उपस्थित थे।