टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम ब्रॉन्ज मेडल मैच में ग्रेट ब्रिटेन से हार गई है। ब्रिटेन ने भारत को 4-3 से हराया। भारतीय टीम ने दूसरे क्वार्टर में 3-2 की बढ़त बना ली थी, लेकिन इस बढ़त को टीम कायम नहीं रख सकी। वहीं, टीम की हार से खिलाड़ियों के परिवार मायूस नहीं हैं, बल्कि बेटियों के प्रदर्शन से संतुष्ट हैं। उन्हें शानदार खेल के लिए शाबाशी दे रहे हैं। भारतीय टीम ने दूसरे क्वार्टर में 4 मिनट में 3 गोल किए पहले क्वार्टर में मुकाबला 0-0 की बराबरी पर रहा। दूसरे क्वार्टर में ब्रिटेन ने दो गोल किए। पहले क्वार्टर में ब्रिटेन को दो पेनल्टी कॉर्नर मिले, पर भारतीय गोलकीपर सविता पूनिया ने दोनों को बेकार कर दिया। ब्रिटेन की एली रायर ने 16वें मिनट और सारा रॉबर्टसन ने 24वें मिनट में गोल कर ब्रिटेन को 2-0 की बढ़त दिला दी। 2-0 से पिछड़ने के बाद भारतीय टीम ने दूसरे क्वार्टर में ही जबरदस्त वापसी की और 4 मिनट के अंदर 3 गोल दागे। गुरजीत कौर ने 25वें और 26वें मिनट में गोलकर पहले स्कोर 2-2 से बराबर किया। वंदना कटारिया ने 29वें मिनट में गोलकर टीम इंडिया को 3-2 की लीड दिला दी। तीसरे क्वार्टर में ब्रिटेन की पियर्ने वेब ने 35वें मिनट में गोल कर स्कोर 3-3 से बराबर कर दिया था। चौथे और आखिरी क्वार्टर में ब्रिटेन ने चौथा गोल दागकर 4-3 की बढ़त बना ली है। 48वें मिनट में बाल्सडन ने गोल दागा। ब्रिटेन ने आखिर तक यह बढ़त बनाए रखी और मैच जीत लिया।
कप्तान रानी के पिता रामपाल बोले...
इस हार को मैं हार नहीं कहूंगा। बेटियों का प्रदर्शन स्वागत योग्य है। बेटियां ने मैदान पर खूब पसीना बहाया है। वे यहां तक पहुंची, बहुत बड़ी बात है। इस खेल को देखने के बाद बेटियों को कुछ कहना, मुश्किल है। ऐसा खेल देखकर तो खिलाड़ियों का स्वागत करना बनता है। भले ही टीम मेडल से चूक गई, पर इसे हम हार नहीं कह सकते। कई दिग्गज टीमों को हराने के बाद लौट रहीं खिलाड़ियों का स्वागत होना चाहिए। हमें बेटियों पर नाज है। मेडल की कसर वे आगे भविष्य में पूरा कर देंगी। ऐसा तो नहीं कि यह आखिरी ओलिंपिक है।
जो हुआ रब की मर्जी है
हार से ड्रैग फ्लिकर गुरजीत कौर के घर में मायूसी छा गई है। पिता और भाई टीवी के आगे से उठकर अंदर चले गए। गुरजीत कौर की मां हरजिंदर कौर घर में इकट्ठे हुए लोगों को चाय नाश्ता कराने में व्यस्त थीं तो उन्होंने बीच में मैच के बारे में पूछने पर कहा कि जो हुआ, रब की मर्जी है। टीम शानदार खेली। गुरजीत ने दो गोल किए। हर खिलाड़ी बस अच्छा खेल दिखाने के लिए ही मैदान में उतरता है। मुकाबले में या तो हार होती है या जीत तो कोई बात नहीं, अगली बार बेटियां मेडल जरूर लेकर आएंगी।