बस्तर संभाग

कावड़े परिवार का प्रथम बैठक कार्यशाला संम्पन्न . . .

बस्तर मित्र/कांकेर।

कावड़े परिवार का एकता अखण्डता के संबंध में चर्चा संयुग बुम गोडवाना लैण्ड के घोड़ा टोटम धारी जनसमुदाय लया लयोर अधिकारी कर्मचारी के संगठन, पेन मांझाी मुख्या, गायता, पुजारी, भगत, सिरहा, वैद्यराज, गोंडवाना लैण्ड के घोडा टोटम धारी नाग कुल कोया वंशी समुदाय के प्रचलित रुढ़ी प्रथाओं सभी पेनकड़ा, पेनकोट एवं जगानार्र बुम की प्रचलित प्रकृति सम्मत सेवा अर्जी विनती, पेन राउड़ पेन ठाना में करसाड़ कार्यक्रम एवं अन्य परब में व्यवस्थित रखने संचालन पर गढ़ मंड़ा जागा एवं कोट नार्र बुम के संरक्षण संवर्धन पेनकाड़ा के पेन बानाओं की अभिमतों से विचार क्रांति ग्राम गायता, सरपंच, पटेल, सिपाही, पेनसिरहा, पेन गुनिया, पेन पुजारी बुमकाल सेवा के कार्य शक्तियों का सही उपयोग पर चर्चा।

जन समुदाय को ज्ञात हो कि हमरे कावड़े समुदाय की संस्कृति व सभ्यता की उत्पत्ति हजारों वर्षों पूर्व से ही प्रकृति आधारित ’’कोया पुनेम’’ अर्थात् मानव सत् मार्ग एवं प्रकृति जीवन शैली को अपनायें हुये विद्यमान है। मगर बाहरी आडम्बरिक विचारधारा के प्रभाव में आकार कावड़े समुदाय की भावी पीढ़ी आदर्श युक्त परम्पराओं को छोड़कर अन्य व्यवस्थाओं को अपना रहे हैं, इसलिए कावड़े गण्ड गुडार में गहरा संकट मंडराने लगा है।

अपने पेनकडा-मण्डा परगना पर मौजूद विश्व की वैभवशाली सभ्य संस्कृति व कोया पुनेम आधारित व्यवस्था को कावड़े समुदाय में पुर्नस्थापित करने व संरक्षण संवर्धन पुर्नजागरण करने हेतु हमारे कावड़े समुदाय के पुरखों की उच्चतम आदर्श व्यवस्थाएं ’’टोन्डा-मन्डा-कुन्डा’’ गड़-मडां जागा एवं कोट नार्र जागा बुम-बुमकाल तथा पेन प्रतिक्रियाओं के कारण हमारे पूर्वज ’’कुन्डा व्यवस्था’’ से कालान्तर में पेन बनकर आने वाले पीढीयों के लिये आधुनिक विज्ञान सम्मत पथ दर्शित का काम करते आ रहे है, उन्हीं पेन बानाओं की आर्शीवाद से व इनके नेतृत्व में उपरोक्त स्थान पर कावड़े गण्ड गुडार का प्रथम कार्यशाला/बैठक है। विषय पर गहन चिंतन मनन हेतु कार्यशाला/बैठक को सफल व प्रभावशाली बनाने के लिये आप सबका प्रत्येक्ष/अप्रत्येक्ष सहयोग सौजन्य व गरिमामयी उपस्थिति प्रार्थनीय है।

सौजन्य मनेश कावड़े, रिसाउ कावड़े, हरेन्द्र कावड़े, दीपक सेवता, श्याम सिंह सेवता, नकुल सिंह सेवता, हीरा लाल कावड़े, मने सिंह, धरमु राम, मन्नुराम, राकेश, रामलाल, गौतम, माखन लाल, रमाकांत, पीलाराम, विजय, परस, गणेश, आनन्द राम, छबी, प्रहलाद, बज्जूराम, मुहपत, रैनुराम, गन्नूराम, अमरसिंह रामसिंह, नोहर, मंगलूराम, बाल सिंह, प्रभू, अनिता, रम्ता, नन्दू, नागेश, जगदीश एवं समस्त ग्राम खाले मुरवेंड के निवासी की सहयोग एवं उपस्थिति था।




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Mannu Ram Kawde

पत्रकारिता के लिए समर्पित . .



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