बस्तर मित्र न्यूज।
भारत ने यूक्रेन के बूचा में नागरिकों की मौत की निंदा की है। साथ ही घटना की स्वतंत्र जांच के आह्वान का समर्थन किया। जंग के बाद यह पहली बार है जब भारत ने रूस पर आरोप लगाने पर रोक लगा दी है। राजधानी कीव के पास बूचा शहर की सड़क पर 400 से ज्यादा लाशें पड़ी मिलीं। इन सभी लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
बूचा की रिपोर्ट परेशान करने वाले :-
संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने UNSC का बैठक में नागरिकों के मारे जाने संबंधी खबरों को बेहद परेशान करने वाला बताया। उन्होंने कहा- बूचा में नागरिकों की मौत वाली खबरें काफी परेशान करने वाली हैं। भारत बूचा हत्याओं की निंदा करता है और एक स्वतंत्र जांच के आह्वान का समर्थन करता है। हालांकि इस दौरान उन्होंने रूस का नाम नहीं लिया।
कूटनीति ही एकमात्र रास्ता :-
यूक्रेन जंग पर तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत जंग और शत्रुता खत्म करने के अपने आह्वान को दोहराता है। उन्होंने कहा कि जब निर्दोष लोगों की जान दाव पर लगी हो तो सिर्फ कूटनीति ही एकमात्र विकल्प रह जाता है।
मानवीय सहायता देने के लिए तैयार भारत :-
टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत ने यूक्रेनियों की मानवीय जरूरतों पर जोर दिया और हमें उम्मीद है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय मानवीय जरूरतों के लिए सकारात्मक प्रतिक्रिया देना जारी रखेगा। उन्होंने कहा- यूक्रेन में गंभीर मानवीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए, भारत यूक्रेन और उसके पड़ोसियों को मानवीय मदद भेज रहा है, जिसमें दवाएं और अन्य आवश्यक राहत सामग्री शामिल हैं। हम आने वाले दिनों में यूक्रेन को और ज्यादा चिकित्सा आपूर्ति देने के लिए तैयार हैं।
जेलेंस्की ने पहली बार UNSC को किया संबोधित यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने मंगलवार को पहली बार UNSC की बैठक को संबोधित किया। जेलेंस्की ने कहा कि युद्ध अपराधों के लिए रूसी सेना को तुरंत न्याय के दायरे में लाया जाना चाहिए। वीडियो के जरिए अपने संबोधन में जेलेंस्की ने रूस के सैनिकों पर दूसरे विश्व युद्ध के बाद से सबसे बर्बर अत्याचार करने का आरोप लगाया और कहा कि वे ISIS जैसे आतंकवादियों से अलग नहीं हैं।