बस्तर मित्र न्यूज।
गर्मियां आते ही घरों में ठन्डे पानी के घड़े दिखाई देने लगते हैं जो ठंडे पानी का पारंपरिक साधन हैं। लेकिन कई लोग गर्मियां शुरू होते ही लोग सबसे पहला काम करते हैं अपने फ्रिज में पानी ठंडा करने का और फिर उसका सेवन करते हैं। गर्मियों में प्यास ठंडे पानी से ही बुझती हैं जो गला तर करने का काम करता हैं। लेकिन फ्रिज का ठंडा पानी पीकर उनके मन को तो सुकून मिल जाता हैं लेकिन तन को नुकसान होता हैं। जी हां, फ्रिज का ठंडा पानी सेहत को कई तरीके से हानि पहुंचाता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको उन्हीं नुकसान के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में . . .
बिगड़ती है पाचन क्रिया
ठंडा पानी पीने वाले व्यक्ति को पेट की समस्याएं होने का खतरा काफी ज्यादा रहता है। ठंडा पानी पीने के आदी लोगों की एक समय बाद पाचन क्रिया बिग़ जाती है। इसकी हमेशा की आदत से शरीर की नसें सिकुड़ने लगती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर से लेकर हार्ट संबंधित समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है। अगर आप भी पेट से जुड़ी किसी समस्या से परेशान हैं, तो गौर करें कि, आपको रोजाना कैसा पानी पीने की आदत है। अगर आप भी ठंडा पानी पीने के आदी हैं तो इस नियम को आज ही बदलकर सादा पानी पीना शुरु कर दें।
सिरदर्द की समस्या
बहुत अधिक ठंडा पानी या बर्फ वाला पानी पीने से ब्रेन फ्रीज की समस्या हो सकती है। यह रीढ़ की कई संवेदनशील नसों को ठंडा करता है और तुरंत ही ये आपके मस्तिष्क को संदेश भेजते हैं, जिसके बदले में सिरदर्द होने लगता है। साथ ही जिन लोगों को साइनस की समस्या है, उनके लिए भी मुसीबत बढ़ सकती है।
दिल को नुकसान
ठंडा पानी पीने से भले ही हमारे मन को शांति मिल जाती है, लेकिन ये हमारे दिल की अशांति बढ़ाने का बड़ा कारण बन सकता है। रोजाना ठंडे पानी का सेवन दिल की गति को कम कर देता है। ठंडा पानी वेगस तंत्रिका को प्रभावित करता है, जिससे धीरे धीरे दिल की गति कम होने लगती है, शुरुआत में हमें इसका पता तक नहीं चलता, लेकिन कुछ समय बाद ये समस्या एक गंभीर रूप ले लेती है।
सिकुड़ सकती हैं आंते
फ्रिज का ठंडा पानी पीने से आंत सिकुड़ सकती हैं। ऐसा होने पर खाना सही तरह से पच नहीं पाएगा जिससे अनेकों तरह की सेहत संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इन समस्याओं में ठीक से पेट का साफ न होना आम परेशानी है। इसलिए बेहद ठंडा पानी पीने से बचें।
कब्ज की परेशानी
ठंडा पानी पीने वाले लोगों को अक्सर कब्ज की शिकायत रहती है। हम सभी ये बात मानते हैं कि, ज्यादा ठंड से चीजें जम जाती हैं, ठीक वैसे ही आम तौर पर हमारे शरीर का तापमान सामान्य रूप से 35 से 40 डिग्री सेलसियस रेहता है, लेकिन ठंडा पानी शरीर में पहुंचने पर इसके तापमान में गिरावट आ जाती है। ऐसे में हमारा शरीर अनावश्यक शक्ति लगाकर ठंड वाले स्थान पर गर्मी पहुंचाता है। आमतौर पर ठंजा पानी पीने वाले लोगों के पेट का तापमान सामान्य से कम हो जाता है, जिसके चलते खाना पचाने के लिए पर्याप्त गर्मी हमारा शरीर नहीं बना पाता। ऐसे में वो खाना बिना पोषक तत्व निकले हमारे पेट में सड़ने लगता है। यही कारण है कि, ठंडा पानी पीने वाले अकसर लोगों को कब्ज की शिकायत रहती है, जो एक समय बाद बवासीर जैसी गंभीर बीमारी को उत्पन्न कर सकती है।
गले की खराबी
ये बात तो हम सभी जानते हैं कि ज्यादा ठंडा पानी पीने से गला ख़राब होता है। अगर आप ये सोचते हैं कि ये सिर्फ बड़ों की बातें हैं, तो ये आपकी गलतफहमी हैं। ठंडा पानी पीने से सांस की नली में म्युकोसा नामक सुरक्षात्मक परत संतुलित हो जाती है, जिससे गला ख़राब होता है।
मेटाबॉलिज्म पर पड़ता है असर
ठंडे पानी की वजह से शारीरिक तंत्रों में सिकुड़न आ जाती है। अगर कोशिकाओं में सिकुड़न बार-बार होती है तो इसका सीधा असर मेटाबॉलिज्म पर पड़ता है। ऐसा होने पर दिल की धड़कनें भी प्रभावित हो सकती हैं।
फैट ब्रेकडाउन पर नेगेटिव असर
भोजन के तुरंत बाद फ्रिज का ठंडा पानी पीने से भी आपके शरीर के फैट ब्रेकडाउन यानी फैट को बर्न करने की प्रोसेस में परेशानी होती है। पानी का ठंडा तापमान खाद्य पदार्थों से फैट को ठोस बनाता है, जिससे शरीर के लिए अनवांटेड फैट को ब्रेक करना काफी मुश्किल होने लगता है। यहां तक कि अगर आप नॉर्मल पानी भी पीते हैं, तो उसे भोजन के 30 मिनट बाद पिएं, ताकि फैट ब्रेकडाउन अच्छे से हो सके।