कांकेर/बस्तर मित्र।
भारत सरकार द्वारा ‘‘इलेट्स‘‘ आत्मनिर्भर भारत शिखर सम्मेलन और पुरस्कारों में डिजिटल गवर्नेस श्रेणी के तहत् जिला प्रशासन कांकेर को ग्रामीण सचिवालय के माध्यम से जन समस्याओं व शिकायतों के निराकरण के लिए ‘‘इलेट्स इनोवेशन अवार्ड’’ से सम्मानित किया गया है। उक्त पुरस्कार जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम भानुप्रतापपुर श्री जितेन्द्र यादव द्वारा प्राप्त किया गया।
जिला प्रशासन कांकेर द्वारा माह जुलाई 2021 से ग्रामीण सचिवालय को सक्रिय किया जाकर जिले के सभी ग्राम पंचायतों में नियमित रूप से निर्धारित दिवस को ‘‘ग्रामीण सचिवालय’’ आयोजन किया जा रहा है। ग्रामीण सचिवालय में जाति, आय एवं निवास प्रमाण पत्र, जन्म-मृत्यु पंजीयन, विवाह पंजीयन, अविवादित नामान्तरण, पेंशन, वृ़द्धा पेंशन, विधवा पेंशन का बैंक सखियों के द्वारा मौके पर ही वितरण, नये पेंशन प्रकरणों की स्वीकृति, गांव में हैण्डपम्प, बिजली से संबंधित शिकायतों का निराकरण, ग्राम पंचायत में मनरेगा के कार्य एवं अन्य निर्माण कार्यों के मांगो का निराकरण, मनरेगा मजदूरी भुगतान का निराकरण, नये राशन कार्ड बनाना, राशन कार्ड में नये नामों को जोड़ना इत्यादि कार्य संपादित किये जाते हैं, साथ ही शासन की योजनाओं की जानकारी एवं उससे संबंधित हितग्राहियों का चयन भी ग्रामीण सचिवालय में किया जा रहा है।
जिला प्रशासन द्वारा सभी ग्रामीण सचिवालय के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किये गये हैं, जिनके द्वारा सतत् रूप से मॉनिटरिंग किया जाता है। संबंधित क्षेत्र के मैदानी स्तर के अधिकारी-कर्मचारी भी ग्रामीण सचिवालय में उपस्थित रहते हैं। सचिवालय में प्राप्त आवेदनों का मौके पर निराकरण किया जाता है तथा ऐसे आवेदन जिनका निराकरण ग्रामीण सचिवालय स्तर पर नहीं किया जा सकता उन्हें ‘‘पंचायत सचिवालय मोबाईल एप्लिकेशन एप’’ में एन्ट्री कर संबंधित विभाग को निराकरण के लिए प्रेषित किया जाता है।
इस मोबाईल एप को जिला सूचना विज्ञान अधिकारी श्री पी.सी. वर्मा द्वारा तैयार किया गया है। ग्रामीण सचिवालय के माध्यम से जिले में माह जुलाई 2021 से माह सितम्बर तक 9072 ऑफलाईन आवेदनों का निराकरण किया गया है, इसके अलावा अब तक 3110 ऑनलाईन आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें से 2806 आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है। इस प्रकार ग्रामीण सचिवालय के माध्यम से जिले में अब तक 11878 आवेदनों का निराकरण किया जा चुका आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें से 2806 आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है। इस प्रकार ग्रामीण सचिवालय के माध्यम से जिले में अब तक 11878 आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है।