

केशकाल के समीपस्थ ग्राम चिखलाडिह में दादी और नातीन की तालाब में डूबकर दुखद् मृत्यु हो गयी।नातीन को बचाने के फिराक में अपनी जान दे बैठी दादी ने तालाब में डूबते हुए अपने एक नातीन को तो बचा लिया पर दूसरी छोटी नातीन को बचाने के लिए अपनी जान की परवाह न कर गहरे पानी में उतरी दादी नातीन को पकड़े पकड़े ही डूब गयी और उसके प्रांण पखेरू उड़ गये।
बताया जाता है कि दोपहर लगभग 12बजे 60वर्षीय वृद्ध सूको बाई अपने देवर के लड़के राजाराम के 6वर्षीय चांदनी और 4वर्षीय नंदिनी के सांथ गांव के तालाब में नहाने गयी हुई थी। तालाब में दोनो बच्ची नहाने उतर गयी और गहरे पानी में डूबने लगी ।अपने नातीन लोगों को डूबते देखकर दौडकर 6वर्षीय बड़ी नातीन चांदनी को निकालकर बाहर कर दिया और फिर छोटी नातीन नंदिनी को बचाने दौड लगाई ।इस बीच डूबती हुई नंदिनी और गहराई की तरफ चली गयी थी जिसे बचाने के लिये दादी सूको बाई भी गहराई में उतरकर नातीन को पकड़ लिया पर वो फिर बाहर निकल पाने में कामयाब नहीं हो पायी।नातीन का हांथ पकड़े पकड़े ही दादी भी डूबकर अपनी जान दे दी।
परिवार एवं गांव वालों ने जब तालाब से नातीन का हांथ पकड़े डूबी सूको बाई का लाश निकाला तो देखने वालों का बरबस दिल से आह और आंखों से आंसू निकलने लगा। सूको बाई ने जिस ममता और बहादुरी की मिसाल पेश करते अपनी जान दे दी उसकी सभी दाद देते दादी नातीन की मौत पर गहरा दुख व्यक्त करते रहे। इस घटना और दुखद् मौत से पूरे गांव में मातम पसर गया।