जनजाति सुरक्षा मंच के नेतृत्व में विशाल रैली एवं सभा का आयोजन किया गया. इस सम्मेलन में सैकड़ों गांव के हजारों लोग उपस्थित थे. डीलिस्टिंग अर्थात धर्मान्तरित व्यक्तियों को अनुसूचित जनजाति की सूची से बाहर किया जाए, इसे लेकर जिले के अलग-अलग गांव से लोगों ने रैली (Campaign against conversion in Narayanpur ) निकाली।
समाज के मुताबिक क्षेत्र के भोली-भाली जनता को ईसाई मिशनरी के लोग बहला फुसलाकर धर्मांतरण करा (Seduction of tribals in Bastar and conversion) रहे हैं. ईसाई धर्म में शामिल कर रहे हैं. जिससे तेजी से हजारों वर्ष से निर्वहन कर रहे आदिवासियों के देवी-देवता की संस्कृति खतरे में है. इसी क्रम को रोकने के लिए जनजाति सुरक्षा मंच के बैनर तले धर्मान्तरित हुए लोगों को अनुसूचित जनजाति की सूची से बाहर करने यह अभियान चलाया जा रहा है।
इन जातियों को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में रखकर उनके लिए न्याय और विकास को सुनिश्चित करने के लिए आरक्षण समेत कई विशेष प्रावधान किए गए हैं. धर्मान्तरित लोग जो अपनी संस्कृति आस्था परंपरा को त्याग कर ईसाई या मुसलमान हो गए हैं. इन व्यक्तियों को अनुसूचित जनजाति की सूची से बाहर करने यह अभियान चलाया जा रहा है।
जनजाति सुरक्षा मंच के बैनर तले इस अभियान को चलाया जा (Tribal Suraksha Manch running campaign) रहा है. इस मंच का गठन 30 अप्रैल 2006 को रायपुर में हुआ था. इस मंच का एक मात्र उद्देश्य जनजाति समाज में से धर्मांतरित होकर अपने पूर्वजों के धर्म को छोड़कर धर्मांतरित होकर आरक्षण का लाभ लेने वालों के विरुद्ध आवाज उठाकर असली जनजाति समाज को उनका हक और अधिकार दिलाना है।