बस्तर संभाग

राज्य अनुसुचित जनजाति आयोग के सदस्य ने तेन्दूपत्ता क्षेत्रों का किया निरीक्षण . . .

बस्तर मित्र/कांकेर

राज्य अनुसुचित जनजाति आयोग के सदस्य नितिन पोटाई के प्रोत्साहन से तेन्दूपत्ता संग्रहकों के द्वारा इस साल बेहत्तर ढंग से किये गये साख कर्तन (बुटा कटाई) कार्य के परिणाम स्वरूप तेन्दूपत्ता के झाड़ियों में कुछ गुणवत्ता के कोमल तेन्दूपत्ते (हरा सोना) अब अपने पूर्ण रूप में आ चुका है। शुक्रवार को राज्य अनुसुचित जनजाति आयोग के सदस्य नितिन पोटाई ने ग्राम सिलतरा, मोदे, आलबेड़ा, कानागांव, पीढ़ापाल, कापसी, कुरिष्टिकुर, मांदरी, तेलावट, धनेलिकन्हार, कन्हारपुरी, मरकाटोला एवं कोरर के आस पास के गांव में पहुंचकर इन कोमल पत्तों का निरीक्षण कर उम्मीद जताई है कि इस साल तेन्दूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य 38100 मानक बोरा रखा गया है।

उन्होंने कहा कि अभी तेन्दूपत्ता का आकार में अच्छा परिवर्तन आने लगा है। पोटाई ने बताया कि इस साल आगामी 01 मई के बाद से तेन्दूपत्ता संग्रहण कार्य प्रारंभ हो गया है। खरीदी के लिए सभी 21 प्राथमिक समितियों में क्रेता नियुक्त कर लिया गया है। जिले में तेन्दूपत्ता की उच्च गुणवत्ता को देखते हुए क्रेताओं से लगभग सभी समितियों में दोगुना दाम पर तेन्दूपत्ता की खरीदी की जानी है। पोटाई जी ने कहा कि इस साल तेन्दूपत्ता संग्रहण सीजन में इस मिथक को तोड़ा जायेगा जिसमें कहा जाता है कि कांकेर वनोपज संघ संग्रहण लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पा रहा है।

उल्लेखनीय है कि इस वर्ष जिला वनोपज संघ कांकेर के द्वारा 05 रेंज मुख्यालयों कांकेर, चारामा, कोरर, नरहरपुर एवं सरोना में शाखकर्तन हेतु संग्रहकों, फड़ मुशियों एवं पोषक अधिकारियों को ट्रेनिंग दिया गया है। जिसमें स्वयं राज्य अनुसुचित जनजाति आयोग के सदस्य नितिन पोटाई एवं संचालक मण्डल के सदस्यों ने सभी प्रशिक्षण शिविर में भाग लेकर वनोपज संग्राहक परिवारों का उत्साह वर्धन किया गया था। निरिक्षण के दौरान उपस्थित सभी फड़ मुशियों एवं प्रबंधकों ने श्री पोटाई का धन्यवाद ज्ञापित किया। जिसके आशय में यह परिणाम अब हरा सोना के रूप में तेन्दूपत्ता की झाड़ी पल्चित, पुष्पित होकर गुणात्मक आकार लेने लगा है।




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Mukesh Markam

निष्पक्ष पत्रकार



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