बस्तर संभाग

जैविक खाद उपयोग करने चलाया जायेगा जागरूकता महाअभियान . . .

कांकेर/बस्तर मित्र।

अक्ति तिहार एवं माटी पूजन कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केन्द्र कांकेर में संसदीय सचिव एवं कांकेर विधायक श्री शिशुपाल शोरी की मुख्य अतिथि में आयोजित की गई। संसदीय सचिव श्री शोरी ने अक्ति तिहार एवं माटी पूजन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के संदेश का वाचन करते हुए कहा कि आज अक्षय तृतीया है, जिसे हम लोग अक्ती तिहार के रूप में मनाते हैं। अक्षय का अर्थ होता है, जिसका कभी क्षरण न हो। आज के दिन को बहुत ही शुभ माना जाता है। कोई भी काम की आज शुरुआत होती है, उसकी पूर्णता निश्चित मानी जाती है। शादी-ब्याह के लिए भी आज के दिन मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं होती। अक्ती का यह दिन हमारी संस्कृति के साथ-साथ हमारी कृषि परंपरा में भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। आज के दिन से ही नयी फसल के लिए तैयारी शुरु हो जाती है। मिट्टी के गुड्डे-गुड़ियों शादी की परंपरा के माध्यम से हमारे पुरखों ने इस त्यौहार को हमारी धरती से भी जोड़ा है।

उनका संदेश यही था कि हमारे जीवन का मूल यही माटी है। इसे हमेशा जीवंत मानते हुए, उसका आदर-सम्मान करना चाहिए। पिछले कुछ दशकों में हमने अपने खेतों में रासायनिक खादों और कीटनाशकों का बहुत ज्यादा उपयोग किया है, इससे हमारी धरती की उर्वरक शक्ति नष्ट हो रही है। हमारे अनाज हमारे पशुओं के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है। हम इस समय जिन पद्धिति से खेती कर रहे हैं, वह प्रकृति की पूजा और सेवा की हमारी परंपरा के अनुरूप नहीं है। यह समय अपनी स्वस्थ्य परंपराओं की ओर लौटने का समय है। अपनी माटी और अपनी धरती को यदि हमने अभी नहीं बचाया तो फिर बाद में बहुत देर हो चुकी होगी। इसीलिए पुरखों के बताए रास्ते पर चलते हुए आज अक्ती के शुभ दिन से हम छत्तीसगढ़ में माटी-पूजन महाभियान की शुरुआत कर रहे हैं।

इस महाभियान में हम रासायनिक खादों और कीटनाशकों की जगह जैविक खाद, वर्मी कंपोस्ट और गौ-मूत्र के उपयोग को ज्यादा से ज्याद बढ़ावा देंगे। रासायनिक खेती से प्रकृति और मानव जीवन को होने वाले नुकसान को लेकर लोगों को जागरूक करेंगे। अपने अन्न को रसायनों के विष से मुक्त करते हुए लोगों को जैविक अन्न के उपयोग के लिए प्रेरित करेंगे। इन सबके साथ-साथ खेती-किसानी में आने वाली लागत को कम करते हुए अपनी खेती को और ज्यादा फायदेमंद बनाएंगे। इस तरह हम अपनी सतत और टिकाऊ खेती का विस्तार करेंगे। प्रकृति के साथ अपने संबंध को फिर से मजबूत करेंगे। यह महाभियान पूरे छत्तीसगढ़ में एक साथ शुरू हो रहा है। इसके लिए शासन की ओर से अवश्य पहल की जा रही है, लेकिन यह महाभियान हर छत्तीसगढ़िया का अपना महाभियान है। हम सबको मिलकर इसे सफल बनाना है।

केन्द्रीय बीज प्रमाणन बोर्ड के सदस्य श्री भरत मटियारा ने अक्ति तिहार एवं माटी पूजन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पुरखों ने माटी की कलश में पानी रखकर वर्षा की स्थिति की जानकारी लेते थे, वे वैज्ञानिक से कम नहीं थे। उन्होंने पूराने धान के किस्मों का जिक्र करते हुए कहा कि पूराने किस्मों के धानों को अधिक से अधिक उपज को बढ़ाने के लिए उपस्थित कृषिको को प्रोत्साहित किया। भारत वर्ष में कृषि को बढ़ावा देने के लिए 167 लैब की स्थापना की गई है, जिसमें बीज का प्रमाणीकरण किया जा रहा है, छत्तीसगढ़ में भी 35 बीज प्रमाणीकरण केन्द्र बनाये गये हैं। किसान भाईयों अच्छे बीज का प्रयोग करते हुए जैविक एवं कम्पोस्ट खाद का प्रयोग कर अपने खेतों के उर्वरक क्षमता को बचायें। जिन किसानों ने मिट्टी परीक्षण नहीं करवाये हैं, वे ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के माध्यम से मिट्टी का परीक्षण करवाकर अधिक फसल पैदावार करने की अपील किया। कार्यक्रम को जिला पंचायत के अध्यक्ष हेमन्त कुमार ध्रुव, कृषि सभापति नरोत्तम पडोटी, जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष रोमनाथ जैन ने भी संबोधित किया।

कार्यक्रम में सरस्वती स्व-समूह बड़ेपारा डूमाली, जयबुड़ी माॅ स्व सहायता समूह एवं महानदी स्व सहायता समूह बेवरती, घोटूलमुण्डा के कृषक धनीराम पद्दा, हाटकोंदल के कृषक श्रीमती मुरईबाई, साल्हेभाट के देवराज, किरगापाटी के किशोर ठाकुर, मोहपुर के जागेश्वर पोया, सिंगारभाट के उत्तम कुमार मरकाम, हाटकोंदल के सुरजोतिन कोराटिया को शाल, श्रीफल एवं प्रश्स्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।




About author

Mannu Ram Kawde

पत्रकारिता के लिए समर्पित . .



0 Comments


Leave a Reply

Scroll to Top