बस्तर मित्र/कांकेर।
राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य नितिन पोटाई ने कांकेर जिले के विभिन्न लघु वनोपज संग्रहण केन्द्रों में तेन्दूपत्ता संग्रहण कार्यों का निरीक्षण किया एवं संग्राहक परिवारों का उत्साहवर्धन किया। श्री पोटाई पिछले कई दिनों से निरंतर तेन्दूपत्ता संग्रहण कार्यों का निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण कर रहे है। इसी सिलसिले में वे ग्राम सिलतरा भी पहुंचे जहां उन्होनें संग्रहकों से बातचीत की एवं फड़मुंशी से तेन्दूपत्ता संग्रहण के बारे में जानकारी ली।
लघु वनोपज संघ कांकेर अंतर्गत 21 समितियां है जहां लगभग 45,000 लघु वनोपज संग्राहक परिवार तेंदूपत्ता एवं अन्य वनोपज के संग्रहण कार्यों में लगे हुए है। चूंकि बस्तर संभाग का कांकेर जिला अनुसूचित क्षेत्र में शामिल है इसलिए विषेष रूचि लेकर अ.ज.जा. आयोग के सदस्य नितिन पोटाई प्रत्येक समितियों में जाकर वनोपज संघ के वस्तुस्थिति से अवगत हो रहे है। इस दौरान वे न केवल तेन्दूपत्ता की गुणवत्ता देख रहे है वरन् राज्य सरकार द्वारा लघु वनोपज संग्राहक परिवारो को दिये जाने वाले योजनाओं के बारे में भी संग्राहक परिवारों को बता रहे है।
अपने दौरे के दौरान श्री पोटाई ने उपस्थित संग्राहको से निरंतर संवाद बनाये हुए है और वे यह बताने से नहीं चुक रहे है कि राज्य सरकार निरंतर लघु वनोपज संग्रहणकर्ताओं के हित में कार्य कर रही है। इसलिए राज्य सरकार ने 4,000 रू. मानक बोरा की दर से तेन्दूपत्ता खरीदी करने का जहां निर्णय लिया है साथ ही 62 से अधिक लघु वनोपज की खरीदी भी राज्य सरकार के द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य में की जा रही है । श्री पोटाई ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जो इतने सारे लघु वनोपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य में खरीदी किया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य लघु वनोपज संग्राहको को आत्मनिर्भर बनाना है इसलिए उन्नत किस्म के तेन्दूपत्ता का संग्रहण करें। साथ ही 500 तेन्दूपत्ता गड्डी अवश्य तोडे ताकि संग्राहक परिवार को बीमा, बोनस और उनके आश्रित परिवार को छात्रवृति की योजना का लाभ मिल सके। उन्होंने उपस्थित ठेकेदार, प्रतिनिधियों को कहा कि जब तक जंगल में तेन्दूपता मिल रहा है तब तक संग्रहण कार्य को किया जाना चाहिए।
पोटाई ने उपस्थित फड़मूंशी को भी समय सीमा में बीमा, बोनस और छात्रवृति के प्रकरण को बनाकर जल्दी ही जिला वनोपज सहकारी संघ मर्या. कांकेर को भेजने की बात कही।