कांकेर/बस्तर मित्र।
जिले में बच्चों के विकास एवं उनके स्वास्थ्य को बेहतर रखने के उद्देश्य से महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा लगातार आगंनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के माध्यम से बच्चों को सुपोषित करने के लिए कोदो के खिचड़ी और रागी का हलवा पूरक पोषण आहार के रूप में प्रदाय किया जा रहा है। इस विशेष प्रयास से न सिर्फ बच्चों के पोषण स्तर में वृद्धि हुई है बल्कि बच्चों के माताओं को भी इससे लाभान्वित किया जा रहा है।
दुर्गूकोंदल विकासखण्ड के ग्राम कोड़ारपुरी निवासी भारती बताती है कि यामिनी का जन्म उप स्वास्थ्य केन्द्र दमकसा में हुआ था, जन्म के समय यामिनी का वजन 02 किलो 600 ग्राम था जो कि सामान्य श्रेणी में थी। यामिनी को पौष्टिक आहार नहीं मिलने से एक साल के अंतराल में कमजोर हो गई तथा कम उम्र में बच्चे को ऊपरी आहार के साथ-साथ स्तनपान की जरूरत होती है, जो यामिनी को नहीं मिल पाया, जिससे यामिनी का वजन घटकर मध्यम ग्रेड में आ गई।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा गृह भेंट के दौरान उसकी माता श्रीमती भारती को प्रतिदिन रेडी टू ईट का अलग-अलग प्रकार के व्यंजन बनाकर खिलाने और साफ-सफाई का ज्यादा ध्यान देने की सलाह दी गई। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान एवं किलकारी योजना के अंतर्गत यामिनी को प्रतिदिन कोदो का खिचड़ी एवं रागी का हलवा बनाकर सुपोषण दूत और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा अपने समक्ष बिठाकर नियमित रूप से खिलाया गया। पौष्टिक आहार मिलने से यामिनी का वजन धीरे-धीरे बढ़ने लगा, अब वह एकदम स्वस्थ हो गई और सामान्य श्रेणी में आ गई है। उसकी माता ने मुख्यमंत्री सुपोषण योजना संचालित करने के लिए जिला प्रशासन को धन्यवाद ज्ञापित किया है।