बस्तर संभाग

भूपेश बघेल ने वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से कांकेर जिले के 89 हजार 309 किसानों के बैंक खाता में 67 करोड़ 56 लाख रूपये का राशि अंतरित किये . . .

कांकेर/बस्तर मित्र।

पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीवगांधी की पूण्यतिथि के अवसर पर आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से कांकेर जिले के 89 हजार 309 किसानों के बैंक खाता में 67 करोड़ 56 लाख रूपये का राशि अंतरित किये हैं। इसी प्रकार गोधन न्याय योजना अंतर्गत 268 गौठानों में 01 से 15 मई तक खरीदे गये गोबर की राशि 05 लाख 41 हजार 372 रूपये हितग्राहियों के खाते में तथा राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर योजना की राशि 7135 हितग्राहियों के बैंक खाता में अंतरित किया गया। कार्यक्रम के मुख्यअतिथि छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण के अध्यक्ष मिथिलेश स्वर्णकार तथा विशिष्ठ अतिथि छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष मनोज सिंह मण्डावी, संसदीय सचिव एवं विधायक शिशुपाल शोरी, अंतागढ़ विधायक अनूप नाग, अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य नितिन पोटाई, गौसेवा आयोग के सदस्य नरेन्द्र यादव, बस्तर विकास प्राधिकरण के सदस्य बिरेश ठाकुर, जिला पंचायत के अध्यक्ष हेमत ध्रुंव, उपाध्यक्ष हेमनारायण गजबल्ला, नगर पालिका अध्यक्ष सरोज जितेन्द्र ठाकुर, जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष सुभद्रा सलाम सहित जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों की उपस्थिति मे राजीव गांधी किसान न्याय योजना के प्रथम किस्त की राशि एवं गोधन न्याय योजना तथा राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर योजना की राशि अंतरित किया गया।

इस अवसर पर जिला पंचायत के सभाकक्ष में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण के अध्यक्ष मिथिलेश स्वर्णकार ने कहा कि किसानों को उनकी मेहनत एवं उपज का लाभ दिलाने के लिए सरकार द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना क्रियान्वित किया गया है। जिससे किसानों को लाभ हुआ है, साथ ही धान की खेती का रकबा भी बढ़ा है। किसानों के कृषि उत्पादन का रकबा दिनो-दिनों घटता जा रहा था, जिसे बचाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए इस योजना को शुरू किया तथा किसानों के धान 25 सौ रूपये क्विंटल में खरीदने का निर्णय लिया। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बघेल की सोच के अनुरूप किसानों के हित में हो रहे कार्य विश्वनीय एवं सराहनीय है। छत्तीसगढ़ में कोरोना संकटकाल में भी आर्थिक मंदी का सामना नहीं करना पड़ा तथा किसान भाईयों को सम्मान देने का कार्य भी निरंतर किया गया।




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Mannu Ram Kawde

पत्रकारिता के लिए समर्पित . .



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