कांकेर/बस्तर मित्र।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विगत दिनों पूर्व भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के तहत पखांजूर पहुंचे थे और इस दरमियान लोक निर्माण विभाग ने पखांजूर का हृदय कहे जाने वाले सिविल अस्पताल को जोड़ने वाली सड़क का मरम्मत करवाया था। भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के तहत सीएम पखांजूर पहुंचते इससे पहले विभाग ने सड़क मरम्मत करवाया और सीएम के वापस लौटते ही हफ्ते भर के भीतर सड़क उखड़ गई। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं की सड़क की गुणवत्ता क्या रही होगी।
लोगों का मानना है कि सीएम के सामने अपनी साख बचाने के उद्देश्य से विभाग के अफसरों ने सड़क में डामरीकरण का काला लेप जरूर चढ़ाया परंतु सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई और विभाग के कारनामे उजागर हो गए। सड़कों के नाम से शासकीय राशि का किस तरह बंदरबांट कर सड़कों पर डामर की काली परत चढ़ाई गई है, जो 1 माह के भीतर ही सड़क डबरी में तब्दील हो गया है।
बताना लाजमी होगा कि यहां सड़क मरम्मत लगभग हर साल में एक बार जरूर होता है और मरम्मत के 1 माह के भीतर सड़क उखड़ जाती है। वर्तमान में इस सड़क में लोगों को आने-जाने में भारी मसक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जगह-जगह गड्ढे हो चुकी है, जो सड़क दुर्घटनाओं को आमंत्रित कर रही है। उक्त सड़क के निर्माण की खुलती पोल से लोग अब सड़कों पर मछली पकड़ते हुए अधिकारियों को उसकी काली करतूतों को आइना दिखा रही है। जब सीएम पखांजूर पहुंचे थे इस दौरान लाखों की लागत से विभाग ने सड़क का मरम्मत करवाया लेकिन सड़क माह भर भी नहीं टिक सकी। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभाग के अफसरों द्वारा शासकीय राशि को किस तरह बंदरबांट कर गुणवत्ताहीन निर्माण करवाया गया था।