बस्तर मित्र न्यूज।
पहले जहां गौठान का नाम लेते ही मन में तस्वीर उभरती थी एक चरवाहा, इधर उधर खड़े मवेशियों का झुंड, मवेशियों के बैठने के लिए न जगह और न पीने के लिए पानी, चरवाहा भी किसी कोने में खड़े होकर मवेशियों को हांकते नजर आते थे, लेकिन आज तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है। आज गौठान सिर्फ गौठान ना रहकर जीवन संवारने का केंद्र बन चुका है। यहां केवल मवेशी और चरवाहे नहीं बल्कि ग्रामीण स्वयं अपनी आजीविका सुदृढ़ करने में व्यस्त दिखाई देते हैं। गौठान ने ना केवल रोजगार के अवसर भी पैदा किए बल्कि एक सामाजिक और सामूहिक भावना भी पैदा की है। कोरिया जिले के कटकोना ग्राम में आज मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने ऐसे ही एक बहुउपयोगी और बहुउद्देश्यीय गोठान का लोकार्पण किया। यहां 14 महिला समूहों के 140 सदस्यों द्वारा आय जनित गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है।
आज मुख्यमंत्री ने कटकोना में जिस मल्टी एक्टिविटी सेंटर का लोकार्पण किया, वहां 14 आयजनित गतिविधियां संचालित हैं। इन गतिविधियों में प्रमुख रूप से आलू चिप्स निर्माण जय मां काली समूह, बेकरी श्री गणेश समूह, दोना पत्तल निर्माण प्रतिज्ञा समूह, मसाला निर्माण श्री गणेश समूह, चप्पल निर्माण महिमा समूह, एलईडी बल्ब निर्माण महामाया समूह, मिनी राइस मिल संचालन प्रतिज्ञा समूह, दाल प्रसंस्करण रोशनी समूह, लेयर पोल्ट्री फार्म प्रतिज्ञा समूह, मुर्गीपालन राधाकृष्ण समूह, बकरी पालन संध्या समूह, वर्मी खाद निर्माण राधाकृष्ण समूह, सामुदायिक बाड़ी गौरी समूह इत्यादि समूह अलग-अलग निर्माण कार्य कर रहे हैं। गौठान के ही समीप निर्मित कॉम्प्लेक्स में श्री गणेश समूह एवं गोंडवाना हीरा मोती समूह की महिलाओं के द्वारा दुकानों का संचालन किया जा रहा है। वास्तव में यह ग्रामीण औद्योगिक केंद्र का सफल उदाहरण है।
गौठान में वर्मी खाद निर्माण के लिए संलग्न समूह में कटकोना पंचायत की सरपंच भुनेश्वरी स्वयं जुड़ी हुई हैं। समूह के द्वारा अब तक 792 क्विंटल खाद निर्माण कर 7.25 लाख का विक्रय किया जा चुका है। वर्मी खाद से प्राप्त आय का उपयोग कर सरपंच भुनेश्वरी ने 40 हजार रूपये अपनी बेटी के नाम पर भविष्य के लिए बैंक में जमा किया है। समूह की सचिव इंद्रकुंवर के द्वारा वर्मी खाद से प्राप्त आय का उपयोग कर घर में बोर का काम करवाया है जिससे वो बाड़ी में सब्जी उत्पादन कर 10 हजार तक की आय प्राप्त कर चुकी है। इस तरह कटकोना गौठान को ग्रामीण औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित कर कुल 10 समूह से जुड़ी 55 महिलाओं को आजीविका से जोड़ा गया है।