कांकेर/बस्तर मित्र।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश के सभी जिले में नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना के तहत गांव-गांव में गौठान निर्माण किया गया है। इस योजना के तहत लाखों रुपए खर्च किए गए हैं ताकि मवेशियों को एक स्थान पर रखकर भोजन, पानी सहित अन्य सुविधाएं मिल सकें। लेकिन राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना के तहत बना गौठान भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। अधिकारी इस योजना पर पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
गोबर विक्रय करने से ग्रामीण किसानों और पशुपालकों को नियमित आमदनी होता रहे। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है, गौठानों की स्थिति बदहाल है। इसका उदाहरण नरहरपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत डेकुना के गौठान में देखने को मिलेगा। जहां पर मवेशियों के लिए पानी और चारे की भी की कोई व्यवस्था नहीं है। गौठान निर्माण कार्य भ्रष्टाचार में परिवर्तित हो गया है। अधिकारी, कर्मचारी, सरपंच एवं सचिव के माध्यम से गौठान में निर्माण कार्य 2021-22 में किया गया है। सरपंच, सचिव एवं तकनीकी सहायक के मिली भगत से करोड़ों रुपये का बन्दरबाट किया गया है।
गौठान में बंद पड़ा सोलर पंप:-
ग्राम पंचायत डेकुना के गौठान में सोलर पंप की स्थापना किया गया था। सोलर पंप की स्थापना छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण योजना के तहत कराई गई है। लेकिन दो साल बीतने के बाद भी सोलर पंप शुरू नहीं हो सका है।
सीएम के आगमन पर हुआ था रंग-रोगन:-
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कांकेर आगमन पर ग्राम पंचायत डेकुना सहित आसपास के गौठानों की सफाई और पोताई के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए गए। लेकिन डेकुना के गौठान की स्थिति सुधारने पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। गौठान में एक भी मवेशी नहीं हैं। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत निर्मित गौठान भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है।