
अमरनाथ गुफा के नजदीक शुक्रवार शाम बादल फटने की घटना के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बड़ा निर्णय लिया है। प्रशासन ने अमरनाथ यात्रा अस्थायी रूप से रोक दी गई। फिलहाल, यहां मौजूद श्रद्धालु यात्रा शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। एक दिन पहले उत्तराखंड में केदारनाथ यात्रा को भी स्थगित किया गया था। वहां भारी बारिश और अमरनाथ यात्रा के दौरान बादल फटने की घटना की वजह से स्थानीय प्रशासन ने फैसला लिया था।
हादसे के बाद जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल ने उच्चस्तरीय बैठक की। इस दौरान कई अहम फैसले लिए गए। उपराज्यपाल ने गुफा के ऊपर की तरफ हवाई सर्वे करने का निर्देश दिया है ताकि देखा जा सके कि कोई और ऐसी झील वगैरह तो नहीं है, जो खतरा बन सके। इसके अलावा फ्लैश फ्लड के संभावित रास्ते में आने वाले टेंटों को शिफ्ट करने को भी कहा गया है।
शुक्रवार की शाम अमरनाथ यात्रा के दौरान बादल फटने से पानी का सैलाब आ गया था। इससे कई कैंप पानी में बह गए थे। इस घटना में 16 लोगों की मौत हुई है। जबकि 63 श्रद्धालुओं को बचाया गया है। कई लोगों के लापता होने की खबर है। कुल 28 मरीजों को एडवांस ड्रेसिंग स्टेशन नीलागरार पहुंचाया गया है। 11 को इलाज के लिए सिविल हेलीकॉप्टरों में SKIMS श्रीनगर ले जाया गया है। 15 शवों को पवित्र गुफा से नीलागरर ले जाया गया है।
सेना, बीएसएफ, आईटबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के अलावा प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। फंसे हुए यात्रियों को भारतीय सेना के जवान बालटाल तक ले जा रहे हैं। यहां ट्रैक कीचड़ भरा और फिसलन भरा है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे सहायता / पूछताछ के लिए सेना के हेल्पलाइन नंबर +91 9149720998 पर संपर्क कर सकते हैं। कॉल करने वालों को यह भी सलाह दी गई है कि वे नाम, यात्रा पंजीकरण / आरएफआईडी नंबर, संपर्क नंबर, आधार नंबर और अंतिम ज्ञात स्थान और समय का विवरण दे सकते हैं।