कांकेर/बस्तर मित्र।
भारी बारिश के चलते बारिश का पानी सैप्टिक टैंक में भर गया और टायलेट के रास्त छात्रावास में भर गया। छात्रावास में गंदा पानी घुस जाने से छात्र परेशान होते रहे। देर रात छात्र छात्रावास की सफाई में जुटे रहे। बारिश बंद होने के बाद सफाई का कार्य पूर्ण हो सका। बारिश में छात्रों की खाद्य सामग्री भी भीगकर खराब हो गई है। कांकेर शहर में शुक्रवार को हुई बारिश आदिवासी बालक छात्रावास में रहने वाले छात्रों के लिए मुसीबत बन गई।
छात्रावास में भरा सेप्टिक टैंक का पानी, छात्र होते रहे परेशान भारी बारिश के चलते बारिश का पानी सैप्टिक टैंक में भर गया और टायलेट के रास्त छात्रावास में भर गया। छात्रावास में गंदा पानी घुस जाने से छात्र परेशान होते रहे। Publish Date: | Sun, 10 Jul 2022 02:02 AM (IST) छात्रावास में भरा सेप्टिक टैंक का पानी, छात्र होते रहे परेशान कांकेर। भारी बारिश के चलते बारिश का पानी सैप्टिक टैंक में भर गया और टायलेट के रास्त छात्रावास में भर गया। छात्रावास में गंदा पानी घुस जाने से छात्र परेशान होते रहे। देर रात छात्र छात्रावास की सफाई में जुटे रहे। बारिश बंद होने के बाद सफाई का कार्य पूर्ण हो सका। बारिश में छात्रों की खाद्य सामग्री भी भीगकर खराब हो गई है। कांकेर शहर में शुक्रवार को हुई बारिश आदिवासी बालक छात्रावास में रहने वाले छात्रों के लिए मुसीबत बन गई। जिला मुख्यालय में नरहरदेव स्कूल के पीछे स्थित आदिवासी छात्रावास में शुक्रवार शाम हुई तेज बारिश के बाद बारिश का पानी सेप्टिक टैंक में भर गया, जिसके बाद सेप्टिंग टैंक का गंदा पानी पूरे छात्रावास के ए ब्लाक में भर गया और छात्रावास के कमरों में अचानक पानी भर गया।
पोस्ट मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास में रात लगभग आठ बजे गंदा पानी भर जाने पर छात्रों ने इसकी सूचना छात्रावास अधीक्षक को दी। जिसके बाद छात्र छात्रावास में भरे पानी को कमरों में जाने से रोकने और बाहर निकालने के प्रयास में जुट गए। रात 11 बजे तक छात्र गंदे पानी को बाहर निकालने और साफ-सफाई में जुटे रहे।
छात्रावास के ए ब्लाक में अचानक गंदा पानी भर जाने से छात्रों के कमरे में रखी खाद्य सामग्री खराब होने की बात भी छात्रों ने कही। छात्र टीकम सिंह व लीलाधर ने बताया कि छात्रावास में पानी भरने के बाद छात्रों ने तत्काल अपना सामान वहां से हटाया, लेकिन कई छात्रो की खाद्य सामग्री गंदे पानी में भीगकर खराब हो गई। छात्रों ने बताया कि छात्रावास में मरम्मत कार्य कोरोना काल में किया गया था। उसी समय इस समस्या का निराकरण कर दिया जाता तो आज छात्रों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।