बस्तर मित्र/कांकेर।
कांकेर के आसपास क्षेत्र में एक बार फिर से जंगली जानवरों को आतंक देखने को मिल रहा है। कांकेर वन परिक्षेत्र के आतुरगांव के गुडरापारा में ईंट बनाने की फैक्ट्री में घुसकर तेंदूए ने तीन बकरियों को अपना शिकार बना लिया। इससे पहले भी तेंदुआ ने यहां घुसकर पालतू कुत्तों का शिकार किया है।
जिला मुख्यालय से 10 किमी दूर आतुरगांव के गुडरापारा में ईंट निर्माण किये जाने वाली फैक्ट्री में शनिवार देर रात तेंदुआ घुस आया। तेंदुए ने तीन बकरियों को अपना निवाला बना लिया। पहाड़ी के जंगलों से अक्सर तेंदुआ गांव में आ जाता है। गांव में आकर तेंदुए द्वारा बकरियों के शिकार की घटना के बाद से लोगों में दहशत का माहौल है। बता दें कि आतुरगांव के गुडरापारा में फ्लाई एश ब्रिक्स निर्माण कार्य किया जाता है।
फ्लाई एश ब्रिक्स निर्माता उदित पासी ने बताया कि शनिवार रात तेंदुआ आया था। जिसने दो बकरे और एक बकरी का शिकार किया। सुबह इसकी सूचना वन विभाग को दी गई है। इससे पहले भी तेंदुआ शिकार की तलाश में यहां आता रहा है और कई बार पालतू कुत्तों को अपना शिकार बना चुका है। गांव में अक्सर तेंदुआ और भालू आ जाते हैं, जिससे लोगों में दहशत का माहौल रहता है।
शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में जंगली जानवरों का आतंक
जिला मुख्यालय व उसके आसपास के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जंगली जानवरों का आतंक बना हुआ है। लोग जंगली जानवरों के आतंक से परेशान हैं। कहीं भालू उत्पात मचा रहा है, तो कहीं तेंदुआ। अक्सर देखा गया है कि तेंदुआ और भालू द्वारा लोगों पर हमला किये जाने या रिहायसी इलाके में पहुंचकर घरों में घुस जाने के बाद वन अमला इन्हे पकड़कर दूर जंगलों में छोड़ता है। लेकिन इसके बाद भी भालू व तेंदुए का उत्पात जारी है। जिसे देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्षेत्र में इनकी संख्या बढ़ती जा रही है और इनके लिए पर्याप्त भोजन उपलब्ध नहीं होने से यह वन्य प्राणी रिहायसी बस्ती की ओर आ रहे हैं।