कांकेर/बस्तर मित्र
जिले के 18 वर्ष आयु वर्ग तक के ऐसे बच्चे जिनमें जन्म से विकृति, दोष जैसे-न्यूरल ट्यूब विकृति, डाउन्स सिंड्रोम, कटे होंठ एवं तालू, क्लब फूट, सिप्लेजिया, जन्मजात मोतियाबिंद, बहरापन एवं हृदयरोग तथा दृष्टि पटल विकृति एवं बाल्यवस्था तथा विकास संबंधी विकलांगता से ग्रसित बच्चों को चिन्हांकित कर उनका समुचित इलाज किया जायेगा।
कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग एवं समाज कल्याण विभाग के उप संचालक को निर्देशित करते हुए कहा है कि निर्धारित रोस्टर अनुसार अपने विभागीय अमले के सहयोग से चिन्हित बच्चों को 31 जुलाई 2022 तक परीक्षण एवं परामर्श के लिए जिला अस्पताल कांकेर में जाया जावे तथा परीक्षण पश्चात ऐसे बच्चों का ईलाज की श्रेणी निर्धारित कर उन्हें जिले के बाहर चिन्हांकित अस्पताल में ईलाज हेतु भेजने की कार्यवाही किया जावे।