कांकेर/बस्तर मित्र।
जिले में हरेली तिहार पारंपरिक ढ़ंग से हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। किसानों द्वारा अपने कृषि उपकरण हल-जूड़ा, कुदाल, फावड़ा सहित अन्य कृषि उपकरणों की पूजा की गई तथा गौठानों में पारंपरिक कार्यक्रम जैसे-गेड़ी दौड़, कुर्सी दौड़, फुगड़ी, रस्सा-कस्सी, भौंरा, नारियल फेक तथा छत्तीसगढ़ी पारंपरिक व्यंजन इत्यादि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।
गौठानों में आज से प्रति लीटर 04 रूपये की दर से गौ-मूत्र की खरीदी भी प्रारंभ हो गई। कांकेर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत पोड़गांव और चारामा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत भिरौद के गौठान में आज से गौ-मूत्र की खरीदी विधिवत प्रारंभ किया गया। भिरौद के गौठान में आज 04 पशुपालकों द्वारा 90 लीटर गौ-मूत्र का विक्रय किया गया। इसी प्रकार ग्राम पोड़गांव के गौठान में 05 पशुपालकों से 20 लीटर गौ-मूत्र की खरीदी की गई। भिरौद में आयोजित हरेली तिहार के कार्यक्रम के मुख्य आतिथ्य जनपद पंचायत चारामा के अध्यक्ष अरूण मरकाम द्वारा की गई अध्यक्षता ग्राम पंचायत के सरपंच परऊराम जुर्री के द्वारा किया गया। हरेली तिहार कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जनपर अध्यक्ष श्री अरूण मरकाम ने कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप आज से गौठानों में गौ-मूत्र की खरीदी शुरू की गई है। गौ-मूत्र कीटनाशक के रूप में बहुत उपयोगी है, इसका उपयोग अपने खेती-किसानी में किया जावे।
कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने कहा कि शासकी की जो भी योजना आती है, उसका उद््देश्य लोगों की समृद्धि को आगे बढ़ाना है। आप सब शासन की योजनाओं का लाभ उठायें और आर्थिक रूप से सक्षम बनें, जो भी काम करें उसमे अपना सर्वश्रेठ दें। शासन द्वारा आज से गौठानों में गौ-मूत्र की खरीदी शुरू की गई है, आप सभी गौठान में गोबर के साथ-साथ गौ-मूत्र का भी विक्रय करें। उन्होंन कहा कि गौमूत्र से महिला स्व-सहायता समूह के द्वारा कीटनाशक (ब्रम्हास्त्र) एवं जीवामृत (ग्रोथ प्रमोटर) तैयार किया जायेगा तथा तैयार कीटनाशक को 50 रूपये प्रति लीटर के हिसाब से विक्रय किया जायेगा। उन्होंने कहा कि रासायनिक खाद से मजीन के उर्वरा क्षमता प्रभावित हो रही है अतः जैविक खाद का उपयोग करें। जैविक कीटनाशक बाजार में उपलब्ध रासायनिक कीटनाशक का एक अच्छा विकल्प साबित होगा। इसका उपयोग करने के लिए लोगों को जागरूक करने हेतु महिला स्व-सहायता समूहों को उनके द्वारा समझाईश भी दी गई। कलेक्टर ने सभी लोगों को बुस्टर डोज का टीका लगाने के लिए अपील भी किया। कलेक्टर ने महिला स्व-सहायता समूहों के सदस्य चर्चा कर उनके आर्थिक गतिविधियों की भी जानकारी ली तथा उन्हें अच्छा कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया।
जिला पंचायत के सीईओ सुमीत अग्रवाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि गौठान में आप अपने पशुओं को लायें, पशु आवारा नहीं घुमेंगे, इससे आपकी फसल की सुरक्षा होगी। गोबर एवं गौ-मूत्र बेचकर लाभ भी कमायें। उन्होंने कहा कि पशुधन के चारा के लिए आप जितनी राशि खर्च करते है, उतने ही राशि का गोबर एवं गौ-मूत्र पशुधन आपको दे देती है।
पशुधन विकास विभाग के उप संचालक डॉ. सत्यम मित्रा ने गौ-मूत्र से कीटनाशक दवाई बनाने की जानकारी देते हुए कहा कि 10 लीटर गौ-मूत्र में विभिन्न पेड़-पौधों जैस-आम, जाम, नीम, करंज, पपीता, सीताफल इत्यादि पौधों के पत्तों को ढाई-ढाई किलोग्राम के मान से 10 किलोग्राम पत्ता को मिलाकर अच्छी तरह उबाकर कीटनाशक बनाया जा सकता है। गौठान से जुड़े महिला स्व-सहायता समूह द्वारा गौ-मूत्र की खरीदी की जायेगी तथा उसका ब्रम्हास्त्र (कीटनाशक) बनाकर 50 रूपये प्रति लीटर के मान से विक्रय किया जायेगा, यह धान एवं सब्जियों के लिए बहुत फायदेमंद होगा। कार्यक्रम में गौठान प्रबंधन समिति द्वारा स्व-सहायता समूह एवं ग्रामीणों से गौठान के गतिविधियों और गौठान में खरीदे जा रहे गोबर तथा उससे तैयार वर्मी कम्पोस्ट के रख-रखाव, सुरक्षा के समुचित प्रबंधन इत्यादि के संबंध में चर्चा भी किया गया।