बस्तर संभाग

ग्रामीणों ने ली राहत की सांस, आखिरकर पकड़ा गया आदमखोर तेंदुआ . . .

कांकेर/बस्तर मित्र।

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के पलेवा-भैसाकट्टा इलाके के ग्रामीणों ने उस वक्त राहत की सांस ली, जब आदमखोर तेंदुआ वन विभाग के पिंजरे में कैद हो गया।

पलेवा और भैसाकट्टा में तेंदुए ने दो लोगो को मार डाला था, वही ग्रामीणों के मुताबिक तेंदुआ कई लोगो को घायल भी कर चुका था। तेंदुए के आदमखोर होने से लोगो मे भारी दहशत का माहौल था जिसको देखते हुए वन अमले में तेंदुए को पकड़ने अलग अलग इलाको में पिंजरा लगाया था, 4 दिन के इंतज़ार के बाद आखिरकार तेंदुए पिंजरे में कैद हुए है। जिसके बाद लोगो ने राहत की सांस ली है। वन विभाग के लिए राहत की बात यह है कि एक ही रात में दो तेंदुए पिंजरे में कैद हो गए है। वन विभाग दोनो तेंदुओं को नन्दनवन रायपुर ले जाने की तैयारी में है। पहली बार हुए हमले के बाद से ही ग्रामीण और वन विभाग की टीम इस तेंदुए की तलाश में जुटे हुए थे।

दहशत में थे गांव के लोग . .

वन विभाग ने अलग-अलग जगहों पर पिंजरे भी लगाए हुए थे. कई बार तेंदुए को इलाके में देखा गया, पर किसी भी पिंजरे में वो कैद नहीं हुआ. लगातार बढ़ रहे तेंदुए के हमले से ग्रामीण सहमे हुए थे. वो शाम होने के बाद घर से बाहर निकलना मुनासिब नहीं समझते थे।

आखिरकर पकड़ा गया आदमखोर तेंदुआ . .

इस बार तेंदुए को फंसाने के लिए वन विभाग ने एक बकरी को पिंजरे के अंदर रखा. बकरी को अपना शिकार बनाने के लिए जैसे ही तेंदुआ उस पर झपटा पिंजरे का दरवाजा बंद हो गया और तेंदुआ उसमें कैद हो गया.

जानकरी के अनुसार पलेवा गांव के स्कूल के पीछे एक पिंजरा लगाया गया था जंहा तेंदुआ फंसा है वही भैसाकट्टा गांव में भी एक पिंजरा लगाया गया था जंहा जंहा तेंदुआ फंस गया है इस तरह वन विभाग ने आतंक का पर्याय बन चुके दो तेंदुए को बीती रात दो पिंजरा में कैद करने में सफलता हासिल की है।




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