बस्तर मित्र/कांकेर।
जीवन में खेलों का महत्वपूर्ण स्थान होता है खेल हमें अनुशासन सिखाती है खेल के माध्यम से हम उत्कृष्ट प्रदर्शन कर लोगों का मन जीतने का प्रयास करें खेल में न जीत बड़ी होती है और न हार बल्कि खेल को खेल भावना से खेलना चाहिए - उक्त उद्गार राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य नितिन पोटाई के हैं वे ग्राम सिदेसर में युवा फुटबॉल क्लब द्वारा आयोजित फुटबॉल प्रतियोगिता के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि की आसंदी से कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने आगे कहा कि एक समय में सिदेसर एवं आसपास के गांवों से एक से बढ़कर एक फुटबॉल के खिलाड़ी निकले हैं मैं उम्मीद करता हूं कि आने वाले समय में भी यह परंपरा बरकरार रहेगी और वह खेल के माध्यम से इस अंचल का नाम रोशन करेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान सरकार निरंतर खेलों को बढ़ावा दे रही हैं प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी गिल्ली डंडा, फुगड़ी, पिट्टूल, भंवरा, बांटी आदि खेलों को ओलंपिक से जोड़कर इन्हें बढ़ाने का काम कर रहे हैं साथ ही युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने हेतु परीक्षा फीस को माफ कर एक संदेश देने का कार्य कर रहे हैं जिसके लिए मैं उन्हें बधाई एवं धन्यवाद देता हूं।
उन्होंने आगे कहा कि आने वाले समय में अब राज्य स्तरीय फुटबॉल का आयोजन होगा तब सिदेसर, गोविंदपुर एवं सिंगारभाट में भी मैच कराए जाएंगे ताकि इन गांवों के लोग खेलों से जुड़ सकें। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथि जनपद उपाध्यक्ष रोमनाथ जैन ने कहा कि खेल से शरीर स्वस्थ रहता है इसलिए हर व्यक्ति को खेल से जुड़ना चाहिए प्रदेश सरकार राज्य युवा मितान क्लब के माध्यम से युवाओं को जोड़ने का कार्य कर रही है। सभा को गांव के सरपंच प्रज्ञा दुग्गा, जनपद सदस्य नूतन जैन एवं अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुशील पोटाई ने भी संबोधित किया। सभा का संचालन चंद्रप्रकाश रवानी ने किया तथा कोच की भूमिका सेवानिवृत्त फौजी अरविंद यादव ने निभाई।
सभा पश्चात् खेल में विजयी टीम को अतिथियों ने पुरस्कृत किया जिसमें प्रथम एफ.सी.आई. टीम कांकेर की रही जबकि दूसरा स्थान गांडागौरी की फुटबॉल टीम रही। कार्यक्रम में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष शिवभान सिंह मुन्ना ठाकुर, डॉ. लोकेश देव, अजय शर्मा, अनुपम जोफर, चंद्रप्रकाश रवानी, अरविंद यादव, भागवती पोटाई, विष्णु साहू, पद्मावती परचाकी, ग्वालो बाई पोटाई, देवचंद कावड़े, सुख चंद कावड़े, रवि ठाकुर, मनोज ठाकुर, कुबेर कावड़े, राजेंद्र परचाकी, शिव नेताम, दिलीप परचाकी, रमेश कुंजाम, कालेश कावड़े आदि उपस्थित थे।