बस्तर मित्र/कांकेर।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कांकेर में अल्प प्रवास एवं मिले मिशन योजना के तहत ग्राम नाथिया नवागांव में अपनी आयुर्वेदा प्राइवेट लिमिटेड द्वारा स्थापित मिलेर कोदो, कुटकी, रागी प्रसंस्करण व मूल्य संवर्धन उत्पादन इकाई के लोकार्पण के पश्चात् रायपुर जाने के लिए माकड़ी में बने हेलीपैड में आने पर राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य एवं जिला वनोपज सहकारी संघ कांकेर के अध्यक्ष नितिन पोटाई ने सिलतरा के स्वादिष्ट सीताफल का एक डिब्बा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भेंट किया एवं पत्र सौंपा।
अ.ज.जा आयोग के सदस्य नितिन पोटाई ने बताया कि कांकेर जिला में सीताफल प्रचुर मात्रा में उत्पादन होता है दशहरा के आसपास पूरा बाजार सीताफल से भरा पड़ा रहता है जिसे दूर-दूर से व्यक्ति आकर खरीदते हैं यहां का सीताफल ना केवल छत्तीसगढ़ में वरन् छत्तीसगढ़ से बाहर भी अन्य प्रदेशों में भेजा जाता है। श्री पोटाई ने कहा कि यदि सीताफल को यहां से रायपुर ले जाकर आइसक्रीम का निर्माण किया जाता या फिर कांकेर अथवा माकड़ी में सीताफल से आइसक्रीम बनाने एवं विभिन्न शहरों में विपणन की व्यवस्था हो जाए तो इसका लाभ सीताफल संग्रह को एवं जिले के व्यक्तियों को मिलेगा।
अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य एवं जिला वनोपज सहकारी संघ के अध्यक्ष नितिन पोटाई ने चिंता व्यक्त की कि इस अंचल में सीताफल का बहुतायत मात्रा में उत्पादन तो हो रहा है लेकिन लंबे समय तक उसे सुरक्षित रखने की व्यवस्था नहीं होने से जल्दी खराब हो जाता है जिससे सीताफल उत्पादकों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। कांकेर जिले के लखनपुरी के पास औद्योगिक केंद्र की स्थापना हुए 5-6 साल हो गए लेकिन अब तक इस विषय में किसी तरह का पहल नहीं हो रही है।
यहां शासन स्तर पर कुछ ऐसे उद्योग लगाए जावे जिससे अंचल के बेरोजगारों को रोजगार मिले और इस अंचल के नागरिकों का जीवन स्तर ऊंचा उठे। उन्होंने वनों पर आधारित उद्योगों की स्थापना हेतु मुख्यमंत्री से अनुरोध किया।