भानूप्रतापपुर
विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी की आज तड़ाके हृदय गति रुक जाने से निधन हो गया। मनोज मंडावी धमतरी रेस्ट हाउस में रुके हुए थे तभी सुबह- सुबह अचानक उन्हें हार्ट अटैक आया। तत्काल उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों के द्वारा उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। मंडावी बस्तर के कद्दावर नेताओं में गिने जाते थे उनकी मृत्यु से राजनीतिक जगत सकते में है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मनोज मंडावी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
अजित जोगी ने दिया था 11 विभाग
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के पश्चात जब कांग्रेस की सरकार बनी थी अजीत जोगी द्वारा मनोज मंडावी को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। उस समय मनोज मंडावी के पास गृह विभाग के साथ-साथ 11 अन्य विभागों का भी प्रभार था। जोगी सरकार में सबसे प्रभावशाली मंत्रियों में गिने जाते थे।
छात्र जीवन से राजनीति से जुड़ा था नाता
छात्र जीवन से ही मनोज मंडावी का नाता राजनीति से जुड़ा था यही कारण है कि 1998 में जब उन्हें पहली बार विधानसभा का टिकट कांग्रेस से मिला था तो पहली बार में ही वे भानूप्रतापपुर सीट से जीत कर विधायक बने थे।
जब निर्दलीय चुनाव लड़ा
2008 में उन्हें कांग्रेसी टिकट नहीं मिली तब उन्होंने निर्दलीय ही चुनाव लड़ने का फैसला किया परंतु भाजपा के उम्मीदवार ब्रम्हानंद से 15479 वोटों से हार गए। बाद में 2013 में उन्हें कांग्रेस से टिकट मिली और भानूप्रतापपुर सीट से रिकॉर्ड 64,837 वोटों से अपनी जीत दर्ज की।
72,520 वोटों की जीत
2018 के चुनाव में भानूप्रतापपुर सीट के कुल 49.07 प्रतिशत वोटरों ने अपना वोट देकर रिकॉर्ड 72520 वोटों से जीत दिलाई। मंडावी बस्तर के कद्दावर नेताओं में गिने जाते हैं यही कारण है कि विधानसभा में उन्हें विधानसभा उपाध्यक्ष की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी प्रदान की गई।
नाथियानवागांव में होगा अंतिम संस्कार
मनोज मंडावी का पार्थिव शरीर उनके गृह ग्राम नाथियानवागांव सुबह 09 बजे लाया गया है, जहां उनका अंतिम संस्कार सुबह 11:00 बजे उनके गृह ग्राम में ही किया जावेगा। उनके अंतिम संस्कार में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित सभी मंत्री व विधायक अधिकारी कर्मचारी, कांग्रेस के सभी पदाधिकारी, कार्यकर्त्ता शामिल रहेंगे।