बस्तर मित्र/कांकेर।
पैराडाइज इंग्लिश मिडियम हाई स्कूल कांकेर में छत्तीसगढ़ी ओलंपिक खेलो का शुभांरभ करते हुए राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य नितिन पोटाई ने कहा कि छत्तीसगढ़ के यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ी ओलंपिक खेलों का आयोजन कर खेल को एक नई पहचान दी है। पहले पिठूल, भौंरा, गेंड़ी, बांटी, गिल्ली-डण्डा, फूगड़ी, जैसे ग्रामीण अंचलों के प्रतिनिधित्व करने वाले खेल केवल गांवों तक ही सीमित थे लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे छत्तीसगढ़ी ओलंपिक खेलों में शामिल कर गांव से निकाल कर इसे शहर तक पहुंचाने का काम किया है। आज इन खेलों में शहरों के लोग भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे है। उन्होंने आगे कहा कि जीवन में खेलों का महत्वपूर्ण स्थान होता है इसलिए हर व्यक्ति को कोई न कोई खेल आवश्य खेलना चाहिए। पहले की यह धारणा कि खेलोगे-कूदोगें तो होगें खराब और पढ़ोगे-लिखोगे तो बनोगे नवाब जैसे धारण निर्मूल साबित हो रही है। आज अच्छे खेलने वाले खिलाड़ियों को विभिन्न शासकीय क्षेत्रों एवं प्राइवेट सेक्टर में नौकरियां मिल रही है।
उन्होंने ग्रामीण संस्कृति के प्रतीक खेल कब्बडडी का उल्लेख करते हुए कहा कि इसे हम बनाए रखे यह हमारा धरोहर है। इस खेल में शक्ति संतुलन और चतुरता को प्रदर्शित करना पड़ता है। जिसमें खेलने वाले के साथ-साथ देखने वाला भीे जाश और उत्साह में रहता है और यही एक ऐसा खेल है जिसमें भारत ने ओलंपिक, राष्ट्रमण्डल और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया है। उन्होंने छत्तीसगढ़ी ओलंपिक खेलों में खेल भावना प्रदर्शित करने की बात कहते हुए उत्साह से भरकर कहा कि - चारो ओर हंसी खुशी और शांति का माहौल हो न धर्म में उलझे न जात में सबका सबसे मेल हो न जीत बड़ी न छोटी हार खेल भावना से खेल हो ।
नितिन पोटाई ने बच्चो के साथ खेली कब्बडडी, भौंरा भी चलाये
स्कूली बच्चों को प्रोत्साहित करने के उद्ेदश्य से अजजा आयोग के सदस्य नितिन पोटाई ने स्कूली बच्चों के साथ कब्बड्डी खेली जब वे कब्बड्डी-कब्बड्डी कहते हुए दूसरे पाले में गये तो भीड़ से जोरदार आवाज आई पकड़ो-पकड़ो इस तरह लोग पोटाई जी के ऊर्जा और उत्साह को देखकर जनसमूह उत्साहित होते रहे और जब उन्होंने भौंरा और गिल्ली डंडा में अपने कला के जौहर दिखाये तो उपस्थित जनसमूह ने ताली बजाकर पोटाई जी का स्वागत किया। श्री पोटाई ने स्कूल प्रबंधन समिति के अनुरोध पर पिठूल और बांटी का खेल भी खेले। जिसमें उनके प्रतिभागी बने लेम्प्स के संचालक एवं कांग्रेस नेता शिवभान सिंह ठाकुर।
सरदार वल्लभ भाई पटेल और इंदिरा गांधी को किया नमन्
मुख्य अतिथि अ.ज.जा आयोग सदस्य नितिन पोटाई ने लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल के जयंती और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री प्रियदर्शनी इंदिरा गांधी के पुण्य तिथि के अवसर पर दोनों महान विभूतियों को याद किया तथा कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने देश के 562 रियासतों को मिलाकर देश को मजबूती देने का काम किया वे एक महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे जिन्होने किसानों का कई बार नेतृत्व किया। बारदोली में किसानों के मांगों को लेकर नेतृत्व करने के कारण ही वहां के महिलाओं ने उन्हें सरदार की उपाधि दी थी। वहीं इंदिरा गांधी ने अपने दृढ़ ईच्छा शक्ति के कारण पूरे विश्व में आयरन लेडी के नाम से चर्चित हुई। बचपन में ही उनके पिता पं. जवाहरलाल नेहरू के जेल जाने पर उनके द्वारा लिखे गये पत्र से प्रेरणा लेकर राष्ट्रीय आंदोलन की ओर आकृष्ट हुई। उन्होंने बचपन में ही इंदिरा की वानरसेना बनाकर राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन को जोर देने का कार्य किया। उन्होंने राजाओं के प्रिवीपर्स की समाप्ति एवं 14 बैंको के राष्ट्रीय जैसे महान कार्य भी किये।
इस अवसर पर लेम्प्स कांकेर के संचालक शिवभान सिंह ठाकुर, जिला सहकारी संघ कांकेर के संचालक डोमेन्द्र सिंह ठाकुर, पैराडाइज स्कूल के प्राचार्य रश्मि रजक, स्कूल के प्रबंधक धीरज रजक, हामिद खान, लता यादव, देवबत्ती यादव, रविशंकर पटेल, अवतर सिंह, कृष्णपद कुंभकर, शबाना परविन, मेघा सेवा, दुष्यांत यादुराज, मृणाल पांडे, गौरव टांडिया, प्रतिक सिंह, दिप्ती सोनी, टाकेश्वर साहु, आदित्य रजक, सम्भा ध्रुव, रोमाना आफ्रिन, सपना पांडे, नेहा शर्मा, प्रिती झा, पवित्र बाड़ई, रूबि खान, अरबिन्द महातो, शिखा मेहरा, जीतु दास, भारती पटेल, सरिता यादव, लक्ष्मी देवनाथ, दीपांजोली गोगोई, वर्षा रमानी, हिमानी रजक, पि. मरसी, भारती सेठिया, रिया सोनी, सुचिस्मिता, सरिता मिश्रा, मुस्कान र्वालीनि, नीरज रजक, रामेश्वरी साहू, नोमन साहू, संगीता भारती, स्वाति गुप्ता, नम्रता यादव आदि उपस्थित थे।