खजूर का पेड 30-40 फीट तक बढता है। इसका तना शाखाविहीन कठोर, गोलाकार और खुरदरा होता है। इसकी उपज रेगीस्तान में, कम पानी और गर्म मौसम की जगह में होती है। नारीयल के समान इसके पेड के ऊपरी भाग में पत्तों के नीचे, घोसलों में खजूर लगते है। हरे कच्चे खजूर पकने के बाद भुरे तथा चिपचिपे होने लगते है। खजूर सुखने के बाद वह खारक कहलाती है। बारिश के इस मौसम में अगर आप सेब, केला, अमरूद, नाशपाती और जामुन जैसे फल खाकर बोर हो गए हैं तो कुछ नया ट्राई करने का यही सही समय है। मॉनसून में आप खजूर को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इसमें मौजूद पोशक तत्व न सिर्फ आपको बेहतर नींद देंगे, बल्कि आपके ब्लाड हीमोग्लोबिन लेवल को भी कंट्रोल रखेंगे।
हीमोग्लोबिन से लड़ाई
जिन लोगों के शरीर में लो हीमोग्लोबिन लेवल की शिकायत होती है, डॉक्टर उन्हें डाइट में खजूर खाने की सलाह देते है। ये ब्लड हीमोग्लोबिन लेवल को इम्प्रूव करने के साथ-साथ एनेर्जी लेवल बढ़ाने का भी करता है।
अच्छी नींद
खजूर खाने से इंसान को अच्छी नींद आती है। दरअसल खजूर खाने से शरीर से मेलाटोनिन नाम का हार्मोन रिलीज होता है और रात में अच्छी नींद के लिए ये हार्मोन काफी हद तक जिम्मेदार है। हड्डियां मजबूत - खजूर में कैल्शयिम, सेलेनियम, मैगनीज और कॉपर की काफी मात्रा होती है। खजूर में मौजूद लवण हिडडयों को मजबूत बनाने का काम करते है। इसलिए कुछ लोग रात मेंु सोते वक्त खजूर खाना कभी नहीं भूलते हैं। कब्ज या एसिडिटी - खजूर खाने से हमारे शरीर को फाइबर मिलता है जिससे कब्ज या एसिडिटी की समस्या में भी राहत मिलती है । हालांकि खजूर के खाने के सही समय और तरीके के बारे में भी लोगों को पता होना चाहिए।