कांकेर
छत्तीसगढ़ शासन की महत्वकांक्षी योजनांतर्गत जिले के गौठानों में विभिन्न आय मूलक नवाचार किया जा रहा है। जिला प्रशासन के निर्देशानुसार गौठानों में वर्मी खाद का उत्पादन कर विक्रय किया जा रहा है, साथ ही समूह की महिलाओं द्वारा सब्जी का उत्पादन एवं अन्य गतिविधि कर अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे हैं। जिला मुख्यालय से लगभग 27 किलोमीटर की दूरी पर स्थित आदिवासी बाहुल्य ग्राम पोटगांव अपने विकास के लिए जाना जाता है। राज्य डेयरी उद्यामिता विकास योजनान्तर्गत यहां की स्व-सहायता समूह से जुड़ी आदिवासी महिलाओं के आजीविका संवर्धन के उददेश्य से पांच महिला स्व-समूह जिसमें नव ज्योति, शिव महिला, जय श्री राम, जय ठाकुर दाई और जय भवानी स्व-सहायता समूह की महिलाओ को विभागीय अभिशरण द्वारा पहले चरण में उन्नत नस्ल की पांच गायें 01 गिर, 01 जर्सी क्रॉस और 03 एचएस क्रॉस नस्ल की दुधारू गायें व बछड़ा पशु चिकित्सा विभाग कांकेर द्वारा प्रदान किया गया है। जिसमें 75 प्रतिशत विभागीय अनुदान और शेड 25 प्रतिशत जिला खनिज न्यास निधि द्वारा दिया गया, साथ ही गायों के उचित आहार हेतु 02 माह के लिए दाना, पैरा कुटटी भी दिया गया व गौठान में ज्वार की बुआई की गई है।
समूह की महिलाएं गाय पालन कर प्रतिदिन लगभग 24 लीेटर दूध का उत्पादन कर रही हैं। पोटगांव की महिला समूहों द्वारा अभी तक 2500 लीटर दूध का उत्पादन किया जा चुका है, जिससे 87 हजार 500 रुपये की आमदनी प्राप्त हुई है। इसके अलावा प्रशिक्षण लेकर महिलाओं द्वारा पनीर भी बनाया जा रहा है, जिसमें 2300 रुपये की बिक्री हो चुकी है। गोबर विक्रय से 10 हजार तथा गौमूत्र से निर्मित कीटनाशक से 03 हजार 64 रुपये इस प्रकार समूह को 01 लाख 02 हजार 864 रुपये की आमदनी हुई है। समूह की सदस्य ने बताया कि दुग्ध से निर्मित खाद्य सामग्री शुद्ध व गुणवत्ता पूर्ण होने के कारण हाथों-हाथ बिक जाती है और गौठान में गाय के गोबर औैर गौमूत्र से निर्मित कीटनाशक ब्रम्हास्त्र की भी बिक्री कर अपनी आमदनी बढ़ा रही हैं। ग्राम पोटगॉव की महिलाएं पशु पालन व्यवसाय को आगे बढ़ाने तथा ज्यादा से ज्यादा दुग्ध उत्पादन कर आमदनी में वृद्धि करना चाहती है। समूह की महिलाओं ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को डेयरी उद्यमिता विकास योजना तथा आजीविका संवर्धन लागू करने के लिए आभार व्यक्त किया है।