बस्तर संभाग

छत्तीसगढ़िया ओलंपिक ने छत्तीसगढ़ को नई पहचान दी - सियो पोटाई . . .

कांकेर/बस्तर मित्र।

प्रदेश महिला कांग्रेस के उपाध्यक्ष और जिला सहकारी संघ के अध्यक्ष सियो पोटाई ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय खेलों के साथ-साथ पांरपरिक खेलों के आयोजन से अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है। इसका सारा श्रेय प्रदेश की यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जाता है। श्रीमती पोटाई ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल एवं मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के आयोजन में युवा से लेकर बुजुर्ग वर्ग तक के आम जनों के अन्दर ऊर्जा का संचार किया है। यह पहला अवसर है जबकि खेल-खेल में ही खेल खेलने की कोई सीमा अथवा कोई बंधन नही है जहां छोटे-छोटे बच्चे फुगड़ी खेल रहे है वहीं 65 वर्ष की आयु वाले महिलाएं भी इसे उत्साह से खेल रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विचारधारा के अनुरूप पारंपरिक खेलों को प्रोत्साहित करने प्रतिभागियों को मंच प्रदान करने व खेलों की प्रति जागरूकता बढ़ाने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन पूरे राज्य में 6 अक्टूबर से प्रारम्भ होकर अपनी अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुका है। ना जाने ऐसे कितने ही छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेल है जो विलूप्त हो रहे थे। इन्हे बनाये रखने का काम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी के द्वारा किया जा रहा है। पारंपरिक गेड़ी दौड़, संकली, रस्सा कस्सी, पिट्ठूल, बांटी, फुगड़ी, भौंरा, गिल्ली डंडा आदि ऐसे खेल है जिसमें छत्तीसगढ़ वासियों में इस खेल को खेलने में जन्मजात पूर्ण है।

कांग्रेसनेत्री सियो पोटाई ने कहा कि छत्तीसगढ़ी खेल को खेलने से शरीर फिट रहता है और अनेक बिमारियों से बचाव भी होता है। राज्य में ग्रामीण अंचल से लेकर शहरों तक छत्तीसगढ़िया ओलंपिक शामिल 14 पारंपरिक खेलों में सभी आयु वर्ग के लोगों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। छत्तीसगढ़ ओलंपिक खेलों को संरक्षित करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेष बघेल के प्रयास से यह आयोजन हुआ था। राज्य स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेलों में सभी जिलों के 1,711 विजेता प्रतिभागी शामिल हुए। 8 से 10 जनवरी तक चलने वाले इस छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में ग्रामीण क्षेत्रों के 25 लाख से ज्यादा और नगरीय क्षेत्रों में 1,30,000 से अधिक लोगों की भागीदारी रही। जो अपने आप में रिकार्ड है।




About author

Mannu Ram Kawde

पत्रकारिता के लिए समर्पित . .



0 Comments


Leave a Reply

Scroll to Top