कांकेर/बस्तर मित्र।
लगातार हिन्दू सनातनी धर्म आचार्यों के विरुद्ध अनर्गल आरोपों का सिलसिला पिछले कई सालों से हो रहा है अभी हाल में नागपुर में आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के ऊपर तथाकथित अंधभक्ति निर्मूलन समिति द्वारा अंधविश्वास को लेकर आचार्य धीरेंद्र शास्त्री के ऊपर आरोप लगाया गया कि वह अंधविश्वास फैला रहा है, हिंदु धर्म के इतिहास काल से ही पुजा पाठ और आराध्य को याद कर कई कार्य किया जाता है जो हमारे सनातनी होने की गौरव गाथा का बखान करती है आखिर ये कौन लोग हैं जो हमेशा से ही हिंदू धर्म के लोगों के आस्था के साथ ऐसा घटिया अनर्गल टिप्पणी करके मजाक बनाते है यह विचारणीय है,महज यह साजिस है, ऐसा क्यों हो रहा है,जबकी सोशल मीडिया के माध्यम से आचार्य धीरेंद्र शास्त्री द्वारा खुली चुनौती दिया गया कि उक्त तथाकथित समिति छत्तीसगढ़ रायपुर में कथावाचक में उपस्थित होकर वास्तविकता जान सकते हैं ऐसा कहने के बावजूद अंधभक्ति निर्मूलन समिति के सदस्य उनके समक्ष नहीं पहुंचे ,शिवसेना जिला महासचिव व्यास यदु यह कहना है की वह लोग कौन से धर्म के हैं जो कि हिंदू धर्म के धर्माचार्यो ,प्रचारक को ही फोकस कर रहे है या तो स्वंय चुनौती स्वीकार करें, या कौन से धर्म के मानने वाले हैं यह बता कर अपनी झूठी प्रसिद्धि को खत्म करें ,उन्हें कोई हक नही हिंदू धर्म के लोगों को गुमराह करने की, शिवसेना की तरफ से यह चुनौती है की नागपुर के उक्त समिति प्रत्यक्ष रूप से हिंदू समाज से माफी मांगे और अपने आरोपों की सिद्धि हेतु प्रत्यक्ष रूप से धर्माचार्य के समक्ष प्रस्तुत होकर बहस करें,यह हिंदू आस्था के साथ धर्म ग्रंथों का अपमान है जो हिंदू समाज कभी सहन नहीं करेगा और यह आगे हिंदू धर्म लोगों को अपने धर्म के प्रति एकत्र होकर बालासाहेब ठाकरे के नक्से कदम पर धर्म के लड़ाई लड़ने के लिए बाध्य करेगी।