कांकेर/बस्तर मित्र।
राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य नितिन पोटाई अपनी 3 दिवसीय गोवा प्रवास के दौरान वहां के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत से मिले तथा गोवा प्रदेश में आदिवासियों के हित के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य नितिन पोटाई ने न केवल आदिवासी योजनाओं से संबंधित जानकारी प्राप्त की वरन वहां निवास कर रहे कुनबी, गवाड़ा, जनजाति से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर भी माननीय मुख्यमंत्री से चर्चा की और वे कुनबी जनजाति द्वारा बनाई जाने वाली साड़ी और साल का भी अवलोकन किया और वहां के अधिकारियों से इस विषय में बातचीत की।
गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत सहज, सरल और मिलनसार व्यक्तित्व के धनी होने के कारण वे छत्तीसगढ़ से आए हुए प्रतिनिधिमंडल से बहुत ही आत्मीयता से मिले तथा छत्तीसगढ़ के बारे में भी माननीय मुख्यमंत्री ने जानकारी प्राप्त की । बातचीत के दौरान अ.ज.जा. आयोग के सदस्य नितिन पोटाई ने गोवा के मुख्यमंत्री डॉ प्रमोद सावंत को बस्तर व छत्तीसगढ़ आने का न्योता भी दिया जिस पर मुख्यमंत्री ने सहमति जताते हुए कहा कि जब अवसर मिलेगा तो वे बस्तर जरूर आएंगे बस्तर की कुछ जनप्रतिनिधियों से उनकी काफी जान पहचान है।
गोवा प्रदेश के आदिवासी विभाग के संचालक ने भी प्रदेश में चलाई जा रही योजनाओं से संबंधित फोल्डर और पांपलेट भी माननीय आयोग के सदस्य नितिन पोटाई और उनके प्रतिनिधिमंडल को सौंपा। गोवा प्रदेश के दौरे के बाद नितिन पोटाई ने कहा कि गोवा प्रदेश के गवडा, गवाडा, वेलिप और कुनबी जनजाति के लोग काफी मेहनती है और वह मेहनत करके आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं खासतौर से कुनबी जनजाति के द्वारा तो 15 दिन के अथक मेहनत के बाद उन्ही साड़ी और साल का निर्माण किया जा रहा है जिसे मार्केट में हाथों हाथ बेच रहे हैं और आर्थिक रूप से समृद्ध हो रहे हैं जहां तक संस्कृति की बात है, कला की बात है, वहां की भाषा बोली की बात है तो वहां के लोगों ने अपने बोली को बनाए रखा है और उनकी संस्कृति भी भारत के अन्य प्रदेशों में पाया जाने वाले जनजातियों के समान ही उनकी संस्कृति प्रलक्षित होती है।