बस्तर संभाग

सुरेली में कौड़ो परिवार का कार्यशाला आयोजित कार्यक्रम का हुआ समापन . . .

कांकेर

कांकेर जिले के ग्राम सुरेली-राउड़ में कौड़ो परिवार का कार्यशाला दिनांक 16 अपै्रल को बुम मुदियाल पेन कड़ा स्थल में पूज्यनीय बुढ़ा मुदिया का पवित्र कार्य हजारों साल बाद सम्पन्न हुआ। इस कार्यशाला में जिला . कांकेर नारायणपुर, धमतरी, सहित कई जिलों के कवड़ों भाई और समाज प्रमुखों ने सैकड़ो की संख्या में अपनी भागीदारी देकर इस कार्यशाला को सफल बनाया। समाज प्रमुखों के द्वारा बताया गया कि कवड़ो परिवार की संस्कृति व सभ्यता की उत्पति हजारों वर्ष पूर्व से ही प्रकृति आधारित कोया पुनेम अर्थात मानव सत् मार्ग एवं प्रकृति जीवन शैली को अपनाये हुए विद्यमान है। मगर बाहरी आडम्बरिक विचारधारा के प्रभाव में आकर कवड़ो , कुल परिवार, की प्रभावी पीढ़ी आदर्श युक्त परंपराओं को छोड़कर अन्य व्यवस्थाओं को अपना रहे है। इसलिए कावड़े परिवार में गहरा संकट मंडराने लगा है। उनके विकल्प में अपने पेन जागा, पेन कड़ा, पेन मंडाओं पर मौजूद विश्व की वैभवशाली सभ्य संस्कृति (बाना-बानी) व कोया पुनेम आधारित व्यवस्था को कावड़े समुदाय में पुर्नस्थापित करने व संरक्षण संवर्धन पूर्नजागरण करने हेतु कावड़े के पुरखों की उच्चत्तम आदर्श व्यवस्थाएं टोन्डा, मंण्डा, कुण्डा, गड़, मंडा, जागा एवं कोट नार्र जागा बुम, बुमकाल तथा पेन प्रक्रियाओं के कारण उनके पूर्वज कुण्ड व्यवस्था से कालान्तर में पेन बनकर आने वाली पीढ़ियों के लिए विज्ञान सम्मत पथ दर्शित का काम करते आ रहे है, उन्ही पेन बानाओ की आसीद् से ग्राम बेड़मामारी में पूज्यनीय बुढ़ा मुदिया का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस विषय पर गहन चिंतन मनन हेतु मेल मिलाप कार्यशाला को सफल बनाने के लिए समाज प्रमुखों का प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष सहयोग व गरिमामयी उपस्थिति प्रार्थनीय रहा।

इस अवसर पर प्रभु राम कावड़े, प्रभा राम कावड़े, कृष्ण कावड़े, अनित कावड़े, सितम्बर कावड़े, बंसत कावड़े, सोमसिंह कावड़े, राजू कावड़े, सोना कावड़े, नरायण कावड़े, फूलूराम कावड़े भारत कावड़े, पुनित कावड़े, राहुल कावड़े, सुकाल कावड़े, विष्णु कावड़े, अर्जुन कावड़े, सुरेश कावड़े, मोतीराम कावड़े, पवन कावड़े, कमला बाई कावड़े, शौर्य कावड़े, सुखराम कावड़े, संदीप कावड़े, सालिक कावड़े, मनोज कावडे, शिव राम प्रसाद कावड़े, गेंद राम कावड़े, रामसिंह राय कावड़े, शिवराम कावड़े, रामाधीन कावड़े, रमेश कावडे, शिवप्रसाद कावड़े,गैंदलाल कावड़े, दयालु राम कावड़े, हेमलाल कावड़े, दशरथ कावड़े द्वार सिंह कावड़े नरेश कावडे़, बाबूलाल कावड़े, अयतू राम कावडे, सुमारू कावडे़, जोहर कावड़े, जोहर सिंह कावड़े, सुखमण कावडे, दीपक कावडे़, रामसाय कावड़े, अशोक कावडे, सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।




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Mannu Ram Kawde

पत्रकारिता के लिए समर्पित . .



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