बस्तर मित्र कांकेर।
शासकीय निर्माण कार्य में लाल ईंटों से काम कराने पर भले ही शासन ने रोक लगाई हो लेकिन इसका असर नरहरपुर तहसील में दिख ही नहीं रहा है! ताज़ा उदाहरण कांकेर जिले के तहसील नरहरपुर का है!ग्राम पंचायत मानिकपुर के आश्रित ग्राम झलियामारी व हटकाचारामा मे पीडीएस गोदाम निर्माण, कन्हनपुरी मे आंगनबाड़ी निर्माण, ग्राम पंचायत बाबूसाल्हेटोला के आश्रित ग्राम बागोड़ मे महिला स्व.सहायता समूह भवन निर्माण, जिला सहकारी बैंक अमोडा मे प्रतिबंधित लाल ईटो का उपयोग किया जा रहा है! जिसके वजह से बड़ी मात्रा मे लाल ईटो का निर्माण हो रहा है और जंगलो के लकड़ियों को इन ईट भट्टो मे जलाया जा रहा है।
जिससे हर वर्ष हजारो पेड़ कट रहे है!पर्यावरण के संरक्षण के लिए शासन द्वारा तीन वर्ष पूर्व ही लाल ईटो से किसी भी शासकीय भवनो के निर्माण पर पुरी तरह से रोक लगा दी गई है!इस आदेश के बाद क्षेत्र के कई बेरोजगारों ने फ्लाई ऐश ईट के निर्माण की कि इकाई शुरू कि है लेकिन आज भी क्षेत्र में लाल ईंटों का उपयोग पहले की तरह ही हो रहा है।
इन भवनो का निर्माण कार्य ग्राम पंचायतो के द्वारा कराया जा रहा है! इस सम्बन्ध मे जब तकनीकी सहायकों से जानकारी ली गई तो कुछ बोलने व बताने से बचते नज़र आये! अब देखना यह होगा कि सम्बंधितो पर क्या कार्यवाही कि जाती है।
तहसील नरहरपुर अंतर्गत जिन जिन गांव में सरकारी भवनों में लाल ईंट का उपयोग किया जा रहा है वहां जिला पंचायत के टीम द्वारा जांच कराया जाएगा!जांच में जो भी पाया जाएगा उसके अनुसार कार्यवाही की जाएगी साथ ही खनिज विभाग और एसडीएम को निर्देशित किया जाएगा कि इस संबंध में जांच करके उचित कार्यवाही करें।