
छत्तीसगढ़ के बस्तर में अब माओवाद के पांव पूरी तरह से उखड़ने लगे हैं. केंद्र और राज्य सरकार के समन्वित प्रयास से बीते चार दशक से मुख्य रूप से माओवाद का दंश झेल रहे बीजापुर, सुकमा जिले के बीहड़ इलाके में सुरक्षा बलों की तेजी से बढ़ती दखल ने नक्सल संगठन को पूरी तरह से कमजोर कर दिया है. नक्सलवाद के खिलाफ सरकार नई नीति पर काम कर रही है. वहीं, अब सुरक्षा बल से जुड़े अधिकारियों ने टॉप मोस्ट माओवादियो की लिस्ट तैयार कर ली है, जो सगंठन को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे है.
बता दें कि चार दशक से छत्तीसगढ़ के लिए नासूर बने माओवादियों के खात्मे के लिए केंद्र या राज्य सरकारे बंद कमरे में बैठक कर कई योजनाएं बनाते आई है. बस्तर के कई इलाकों में कुछ समय पहले तक ऐसी जगहें थी, जहां सरकार की पहुंच नहीं के बराबर थी. मगर, भाजपा सरकार के लक्ष्य के बाद लाल आतंक का खात्मा तय है.
माना जा रहा है कि माओवादी संगठन में सबसे मजबूत कड़ी उनके बड़े लीडर है, जो नक्सल संगठन को चलाने में बड़ी भूमिका निभाते है और बड़ी-बड़ी घटनाओं को अंजाम देने के लिए खाका तैयार करते है. ऐसे में, अब सुरक्षा बल के अधिकारियों ने बड़े नक्सल संगठन के टॉप मोस्ट माओवादियों की लिस्ट तैयार कर ली है. इसके लिए चार राज्यों के बीच सहमति बनी है.