हमारे जीवन शैली में डांस की भूमिका

अक्सर महिलाओं का जीवन घर की चारदीवारी में ही निकल जाता है। कई महिलाओं को एक उम्र गुजर जाने के बाद अपनी खोई हुई इच्छाओं का दुख सताता है। वक्त के साथ बदलती सेहत से थकान, तनाव जैसी स्थिति बनती है जो उनके हाव-भाव और व्यवहार में साफ झलकती है। इससे कई बार अकेलापन, गुस्सा और अवसाद जैसी परेशानियां भी होती हैं। डांस इन परिस्थितियों से बाहर निकलकर मन को शांत करने का एक बेहतरीन तरीका है। एक ही समय में ये हमें शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभ पहुंचाता है।

अपने अंदर की कला को पहचानें

वर्तमान में डांस के कई प्रकार हैं। शास्त्रीय नृत्य कलाओं से लेकर मॉडर्न डांस तकनीक तक सबकुछ मौजूद है। फिट रहने के लिए 'जुम्बा' जैसे नए तरीके भी अपनाए जा सकते हैं। ऐसे में अपनी पसंद के अनुसार अपनी शैली का चुनाव करें।

अपने आसपास डांस व फिटनेस क्लास तलाशें

यदि आपके घर के आसपास कोई डांस व फिटनेस सेंटर हो तो वहां जरूर जाएं। घर में अभ्यास करते वक्त हम कई छोटी-बड़ी चीजें सीखने से वंचित रह जाते हैं। डांस क्लास ज्वॉइन करने से आप नए लोगों के साथ आसानी से नई चीजें सीख सकती हैं।




About author

Gaurav Tandiya

My hobby is to explore.



0 Comments


Leave a Reply

Scroll to Top