
भानुप्रतापपुर में जनपद पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद का चुनाव अचानक स्थगित हो गया। स्थगन का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। वहीं स्थगन को लेकर कांग्रेस और भाजपा के नेता एक दूसरे पर आरोप लगा रहे। कांग्रेस नेताओं ने सड़क जाम कर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का पुतला दहन किया। भानुप्रतापपुर के जनपद पंचायत में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव 4 मार्च को होना था।
नगर पंचायत अध्यक्ष निखिल सिंह राठौर ने कहा जनपद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव स्थगित होने पर कांग्रेस द्वारा प्रशासन पर आरोप लगाना गलत है। भानुप्रतापपुर विधायक सावित्री मंडावी पद का दुरुपयोग कर जनपद सदस्यों पर दबाव बनाते हुए जबरन उनको अपने घर से लेकर चले जाना और अज्ञात स्थान में रखना, फिर चुनाव के दिन उनको जनपद कार्यालय में उपस्थित करना ये जनपद सदस्यों के स्वतंत्रता और उनके अधिकारों का हनन है जिसका भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध किया गया। समस्त भाजपा कार्यकर्ताओं में आक्रोश व्याप्त है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा जनपद सदस्यों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव स्थगित किया गया है।
जनपद अध्यक्ष/उपाध्यक्ष का चुनाव में पराजय को देखते हुए भाजपा ने प्रशासन पर दबाव डालकर स्थगित करवा दिया। चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी थी मतदाता जनपद सदस्य गण चुनाव कक्ष में बैठ चुके थे, अचानक पीठासीन अधिकारियों ने बताया की चुनाव स्थगित किया जाता है। भानुप्रतापपुर, चारामा और दुर्गूकोंदल में कांग्रेस के संया बल को देखते हुए भाजपा पस्त हो गई और चुनाव स्थगन का प्रशासन पर दबाव बनाया। प्रशासन ने चुनाव स्थगित कर दिया। कारण दर्शाया गया है कि जिलाधिकारी प्रवास पर रहेंगे। भाजपा नेता बयान दे रहे हैं कि विधायक सावित्री मंडावी ने चुनाव रुकवाया। विधायक की सक्रियता और लोकप्रियता से भाजपा परेशान है।
भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र में पूरे जगह पर कांग्रेस की विधायक सावित्री मंडावी के इशारे में चुनाव को स्थगित हुआ जिसका भारतीय जनता पार्टी विरोध दर्ज करा रही है। विधायक घबरा कर भानुप्रतापपुर, चारामा व दुर्गुकोंदल जनपद पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को आगे बढ़ा दिया गया है। विधायक को डर होने के कारण चुनाव स्थगित कराया।
जिलाध्यक्ष भाजपा युवा मोर्चा राजा पांडेय ने कहा की चारामा, भानुप्रतापपुर एवं दुर्गूकोदल में जनपद चुनाव की तिथि बदलना विधायक सावित्री मंडावी के डर को दर्शा रहा है। सभी जनपद में भाजपा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष बनाने जा रही थी। स्थिति को देख सावित्री मंडावी ने हस्तक्षेप कर चुनाव प्रभावित किया जो कि लोकतन्त्र की हत्या है।